कानपुर/बीपी टीम। श्रीगुरुसिंह सभा, कानपुर महानगर पदाधिकारियों की बैठक सभा के चेयरमैन एवं पूर्व एमएलसी सरदार कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय अशोक नगर में सम्पन्न हुई। बैठक में कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच उत्तर प्रदेश चुनाव को सात-चरणों में कराये जाने के भारत निर्वाचन आयोग के निर्णय को अनुचित ठहराते हुए चुनाव तिथियों को पुनर्निधारित करने की मांग की गयी।
सरदार कुलदीप सिंह ने सभा के पदाधिकारियों के सम्बोधित करते हुए कहा कि हर जनतन्त्र में वोटिंग एक दिन में सम्पन करा ली जाती है। अपने देश में भी पहले ऐसा ही था। तब बूथ कैपचरिंग एक खतरा बन गयी थी, जिससे शांतिपूर्वक निष्पक्ष चुनाव मुश्किल हो चले थे। भारतीय चुनाव आयोग के तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन सेशन ने चुनाव को कई चरणों में कराने का निर्णय लिया था।
उन्होंने कहा कि हर निर्णय काल-परस्थितियों को ध्यानमें रखकर लिये जाते है। आज डिजिटल युग है और चुनाव डिजिटल कैमरे के साये में सम्पन्न होता है। बूथ कैप्चरिंग पुराने युग की बात है। सरदार कुलदीप सिंह ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर एक लाख से ज्यादा संक्रमण कर रही है, जबकिअमेरिका का प्रत्येक दिन का रिकार्ड 10 लाख पहुँच चुका है।
दूसरे देशों के अध्ययन से पता चलता है कि ओमीक्रोन जिस तेजी से बढ़ता है उसी तेजी से नीचे भी आता है और मार्च के प्रथम सप्ताह तक ओमीक्रोन के निचले पायदान पर आने के आसार हैं। हमारी सभा मांग करती है कि नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च मानते हुए आयोग उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को मार्च के प्रथम सप्ताह 2 या 3 चरणों में सीमित करते हुए सम्पन्न कराये।
राजनीतिक रैलियाँ, जनसूचनायें और साइकिल यात्राओं पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 15 जनवरी तक रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए श्रीगुरु सिंह सभा ने मांग की है कि इस प्रतिबन्ध को आगे बढ़ाकर इस चुनाव में अब और रैलियाँ करने पर रोक लगा दी जाये और राजनीतिक दलों के दफ्तरों में भीड़ इकट्ठा होने पर भी आचार संहिता बनायी जाए।
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हेट स्पीच पर आयोग के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा गया कि नफरत वाले बयानों से देश-प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा पर खतरा पैदा होता है। यदि चुनाव आयोग ऐसे व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर रोक लगा देने का टीएन सेशन की तरह साहस दिखा दे तो देश में अमन-चैन का माहौल स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा, जिसे इतिहास के पन्नों में सुर्खियों से लिखा जायेगा। बैठक में मुख्य रूप से सिमरनजीत सिंह, तजिन्दरपाल सिंह, मनजीत सिंह, प्रिंस वासू, सुखप्रीत सिंह बन्टी, इन्दरपाल सिंह, गुरमीत सिंह, गगनदीप सिंह आदि मौजूद थे।