बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं। सरकार ने कोरोना के लक्षणविहीन और हल्के-फुल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की अवधि कम कर दी है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जहां ये अवधि 14 दिन की थी, वहीं अब सिर्फ 7 दिन की होम आइसोलेशन की जरूरत है।
वहीं आईसीएमआर के नए दिशा निर्देश के अनुसार ए- सिंप्टोमेटिक मरीज जो आइसोलेशन में 7 दिन पूरा कर चुके हैं उनको रिलीज होने के बाद कोविड जांच नहीं की जाएगी। होम आइसोलेशन में रहने के दौरान संक्रमित का सप्ताह में दो बार चिकित्सक घर पर जाकर जांच कर आवश्यक परामर्श देंगे।
कौन हैं लक्षणविहीन मरीज : नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, लक्षणविहीन उन मरीजों को माना गया है जिनका कोविड टेस्ट तो पॉजिटिव आया है लेकिन उनमें बुखार और खांसी के लक्षण नहीं हैं। साथ ही उनका ऑक्सीजन लेवल 93 से कम नहीं है।
माइल्ड यानी हल्के लक्षण वाले मरीज वो हैं जिनको सर्दी, गले में खराश और बुखार के लक्षण हों लेकिन ऑक्सीजन लेवल 93 से कम ना हो। गाइडलाइंस के अनुसार, मरीज का होम आइसोलेशन 7 दिन का है तो भी आखिरी के 3 दिन मरीज को बुखार नहीं होना चाहिए। नहीं तो आइसोलेशन की अवधि बढ़ाई जाएगी।
होम आइसोलेशन में इन निर्देशों का करें पालन : आईसीएमआर के जारी दिशानिर्देश के अनुसार इस बार संक्रमण की खास बात ये है कि टेस्ट में पॉजिटिव आने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है। ऐसे में घर में ही लोग आइसोलेट हो रहे हैं। अगर आप होम आइसोलेट हैं तो अपने कमरे को एकदम बंद मत कीजिए। अलग रहिए पर कमरा हवादार होना चाहिए। यानी उसमें वेंटिलेशन पर्याप्त होनी चाहिए।
सुबह शाम खिड़की खोलें। अगर ठंड लगे तो कमरे में ब्लोअर अथवा हीटर का इस्तेमाल करें. ऐसे मरीजों को भले ही लक्षण हों या न हों, घर में दूसरे सदस्यों से एकदम अलग रहना चाहिए। खास तौर पर बुजुर्ग और कोमोर्बिटीज (एक ही समय में दो गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग) वाले सदस्यों से बिल्कुल अलग रहना चाहिए । जिससे किसी तरह वो उनके सम्पर्क में नहीं आएं।
संक्रमित हर आठ घंटे पर बदलें मास्क : मरीजों को हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क लगाकर रखना चाहिए और हर 8 घंटे में मास्क को हटाकर नया मास्क लगाना चाहिए। इससे पहले भी अगर मास्क हल्का गीला हो जाए तो उसे हटा दें। दूसरा मास्क लगाएं। साथ ही, मरीज को तरल पदार्थ लेते रहना चाहिए, क्योंकि पर्याप्त हाइड्रेशन बहुत जरूरी है।
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हाथ साबुन से धोते रहना चाहिए। जिस कमरे में मरीज है, उसमें दरवाजे के हैंड्ल, मेज या कोई ऐसी सतह जिसे बार बार मरीज छूता हो, उसे भी सैनिटाइजर या साबुन से साफ करते रहना चाहिए। मरीज की देखभाल करने वाले मरीज के कमरे में प्रवेश करते समय पूरी सुरक्षा (एन – 95 मास्क, ग्लब्स) जरूरी है।