स्टेट डेस्क: कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में संक्रमण की गति लगभग दोगुनी है। दूसरी लहर के दौरान 10 हजार सक्रिय संक्रमितों का आंकड़ा लगभग 30 दिन में पहुंचा था। जबकि तीसरी लहर के दौरान यह आंकड़ा सिर्फ 16 दिनों में पहुंच गया।
दस जनवरी को पटना में कुल 2566 नए कोरोना संक्रमितों के मिलने से सक्रिय संक्रमितों की संख्या बढ़कर 11 हजार 707 पर पहुंच गई है। दूसरी लहर के दौरान 22 मार्च 2021 से सक्रिय मरीज बढ़ने लगे थे। तब होली के समय बड़ी संख्या में दूसरी राज्यों से लोग आने लगे थे।
उसके पहले यहां सक्रिय संक्रमितों की संख्या 200 से भी कम हो गई थी। सक्रिय संक्रमितों की संख्या 20 अप्रैल को 10 हजार का आंकड़ा पार किया था।
दूसरी लहर में पांच दिन में हुआ था दोगुना
दूसरी लहर के दौरान दस अप्रैल के पहले तक सक्रिय मरीजों की संख्या उस समय 2174 ही थी। उस समय तक दूसरी लहर में एक हजार तक संक्रमित नहीं मिल रहे थे। 10 अप्रैल को पहली बार एक हजार से ज्यादा 1431 संक्रित मिले थे। उस दिन सक्रिय मरीजों की संख्या 3469 थी। पंद्रह अप्रैल को ही यह संख्या पांच हजार तक पहुंच गई। देखते-देखते बीस अप्रैल को यह दस हजार के पार कर गई।
तीसरी लहर में तीन दिन में दोगुना
तीसरी लहर में पटना में 26 दिसंबर से मरीज बढ़ने लगे थे, उस दिन दस मरीज मिले थे। 25 दिसंबर को चार मरीज मिले थे। उसके बाद यहां प्रतिदिन औसत दोगुनी गति से संक्रमित बढ़ते गए। पांच हजार सक्रिय संक्रमितों का आंकड़ा सात जनवरी को पहुंच गया। वहीं, 10 जनवरी को यह आंकड़ा 11 हजार 707 तक पहुंच गया। इस तरह पांच हजार से 10 हजार का आंकड़ा पार करने में सिर्फ तीन दिन ही लगे। तीसरी लहर के दौरान सिर्फ सोलह दिन में ही सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 11 हजार के पार कर गया।