एक दूसरे के दोषारोपण के फेर में फंस गया 300 नियोजित शिक्षकों का सफर

पूर्णियाँ

पूर्णिया/राजेश कुमार झा: अभिभावकों ने तो अपने बच्चों की नौकरी की मिठाइयाँ बांट दी.अभियर्थियों ने भी अपने जान-पहचान वालों को नौकरी होने की खुशियां तो जाहिर कर दी लेकिन इन्हें क्या पता कि हमारी नौकरी ही नहीं हुई है। आखिर इनका क्या दोष?बताते चलें कि पिछले साल 2021 के जुलाई माह में 52 पंचायतों के 300 शिक्षकों का नियोजन इकाई द्वारा नियुक्त की प्रक्रिया पूरी की गई।

नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे जिला शिक्षा विभाग को नियुक्ति पत्र देने की अपील के साथ भेज दिया गया.6 महीने बीतने के बाद भी जब अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला तो अभियर्थियों ने जिला शिक्षा कार्यालय जाकर पता लगाया तो पता चला कि नियोजन इकाई द्वारा रोस्टर का पूरी तरह से पालन नहीं करने की वजह से सभी नियुक्तियों को रद्द करने की अनुशंसा कर दी गई है। इसके बाद अभियर्थियों ने बबाल काटना शुरू कर दिया.अभ्यर्थियों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी का घेराव कर इस मामले को अविलंब सुलझाने के लिये दबाब बना दिया।

मामले की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को होने के बाद जिला शिक्षा कार्यालय में जिला शिक्षा पदाधिकारी,सदर एसडीओ एवं एसडीपीओ सदर द्वारा शिक्षक संघ के नेता अरविंद कुमार सिंह एवं अभियर्थियों के साथ बैठक कर पूरा मामला सुलझाने की बात की गई। बैठक के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम ने बताया कि अभ्यर्थी किसी के बहकावे में न आएं। बहुत जल्द सभी मामले को सुलझा लिया जाएगा.रोस्टर के हिसाब से जिनका भी चयन होगा उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है।

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