हरदोई/छोटू द्विवेदी। उत्तर प्रदेश के हरदोई का स्वास्थ्य विभाग वह विभाग है जो हमेशा विवादों में रहता है। इस विभाग से सम्बंधित तमाम भ्रष्टाचार आये दिन समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारो के कान पर जूं तक नही रेंगती है। लेकिन, आज का प्रकरण बेहद ही शर्मनाक है। जिन डॉक्टर साहब को सरकार गरीबों के इलाज के लिए पैसे दे रही है वह सरकारी अस्पताल में न बैठकर अस्पताल के समीप बने मेडिकल स्टोर में बैठकर लोगों का इलाज कर रहे हैं।
विदित हो कि डॉ. विवेक कुमार सरकारी डॉक्टर हैं, जो जिला हरदोई में तैनात हैं लेकिन डॉक्टर साहब सरकारी अस्पताल में न बैठकर अस्पताल के बाहर बने रमन मेडिकल स्टोर में बैठते हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब शोभित नाम का एक मरीज कान का इलाज कराने डॉ. एम. लाल के पास गया जो लखनऊ से आते थे और रमन मेडिकल स्टोर में बैठकर मरीज़ों को देखते थे।
जब शोभित इलाज के लिए गया तो वहां एम. लाल की जगह विवेक कुमार मिले। लेकिन, शोभित कुमार को इलाज के लिए जो दवा लिखी गई वह डॉ. एम. लाल के पर्चे पर लिखी थी। डॉ. एम. लाल की जगह डॉ. विवेक कुमार इलाज कर रहे हैं जो सरकारी डॉक्टर हैं। इस बात की पुष्टि डॉ. विवेक कुमार के सामने बैठे व्यक्ति या यू कहें उनके कम्पाउंडर ने की है।
जब इस बारे में प्रचारक वीणा गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रकरण उनके संज्ञान में आ चुका है और डॉक्टर विवेक कुमार को नोटिस जारी की गई है। जब प्रचारक वीणा गुप्ता से नोटिस मांगी गई तो जिलाधिकारी का हवाला देते हुए उन्होंने नोटिस की कॉपी तुरन्त देने को मना कर दिया और एक दो दिन बाद नोटिस मुहैया कराने की बात कही।
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प्रचारक वीणा गुप्ता ने कहा कि एक पक्ष को सुनकर कार्यवाही नही की जा सकती है। इस कारण दूसरे पक्ष को जानने के लिए नोटिस जारी की गई है। जल्द ही प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। अब देखना यह है कि कोई कार्यवाही भी की जाएगी या नही या पूर्व के तमाम प्रकरणों की भांति नोटिस जारी करने का खेल खेलकर प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।