बिहारशरीफ/बीपी प्रतिनिधि। नालंदा के कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा पारित आम बजट को लोक लुभावन की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा है कि इसमें कहीं से भी आम लोगों के लिए कोई राहत देने की बात नहीं है। यह बजट सिर्फ और सिर्फ पूंजीपति घरानों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा है कि आम बजट में आयकर स्लैब को नहीं बढ़ाना सरकार की ग़रीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों के प्रति कितनी अच्छी सोच है। वह साफ़ दिख रही है। 400 नयी ट्रेनें सरकार और जनता के पैसे से चलवाकर देश के पैसे को बर्बाद कर फिर उसे बड़े उद्योगपतियों को देने की तैयारी है।
लघु एवं शुक्ष्म उद्योगों के लिए पूरे देश भर में मात्र 6000 करोड़ रुपया काफ़ी हास्यास्पद दिखता है। जबकि बड़े उद्योगपतियों के लिए 7.55 लाख करोड़ यह सरकार सिर्फ बड़े-बड़े कारपोरेटों को मदद पहुंचाने का ही काम करती है। डिजीटल करेंसी शिर्फ और शिर्फ लूट करने का नया तरीक़ा है। इसमें फंसकर नयी पीढ़ी एवं मध्यम वर्गीय परिवार बर्बाद हो जाएँगे और बड़े बड़े उद्योगपति आबाद हो जाएंगें।
ध्यान देने वाली बात यह भी है की 60 लाख नौकरियाँ नहीं रोज़गार की बात कही गयी है। जबकि मोदीजी और अमित साह जी के द्वारा पहले ही पकौड़ा तलने और फुटपाथ पर ठेला लगाने वालों की उपमा देकर उनकी तुलना रोज़गार से कर चुके हैं। कुल मिलाकर यह आम बजट लोक लुभावना है लेकिन है।
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बहुत ही घुमावदार इसमें कहीं से भी आम लोगों के लिए कोई राहत देने की बात नहीं दिखती है। सिर्फ एक बात किसानों को एम एस पी की चर्चा की गयी है। वह भी उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए नहीं तो बाक़ी पूरे हिंदुस्तान के किसान जानते हैं कि उनके साथ MSP का खेल कैसे किया जाता है।