स्टेट डेस्क/आकांक्षा यादव : केंद्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ‘यूपी टाइप’ का शब्द नया विवाद लेकर आया है। इस शब्द पर हर यूपी वाले का इस पर एक ही री-एक्शन है कि मैडम जी, हम यूपी टाइप नहीं यूपी वाले ही हैं और आपको यूपी का सम्मान तो रखना ही चाहिए।
कांग्रेस पूरे मामले को यूपी के अपमान से जोड़ रही है। इस बयान पर शायर मुनव्वर राना कहते है, ‘उस पर कुछ बोलना अपनी बेज्जती कराना होगा, वो नासमझ महिला नेता है।’ ..@nsitharaman जी आपने यूपी के लिए बजट के झोले में कुछ डाला नहीं, ठीक है…लेकिन यूपी के लोगों का इस तरह अपमान करने की क्या ज़रूरत थी? समझ लीजिए, यूपी के लोगों को ‘यूपी टाइप’ होने पर गर्व है। हमको यूपी की भाषा, बोली, संस्कृति व इतिहास पर गर्व है। #यूपीमेराअभिमान #यूपीमेरा अभिमान…सोशल मीडिया पर अभियान कांग्रेस ने #यूपीमेरा अभिमान..अभियान की शुरुआत ट्विटर पर कर दी है। इसे यूपी की अस्मिता से जोड़कर देखा जा रहा है।
इस बयांन पर सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह का कहना है कि, हिंदी भाषी राज्य का सबसे बड़ा अपमान किया गया। ऐसे बयान पर वित्त मंत्री को ही नहीं देश के प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। जिस प्रदेश ने सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए हों। उस प्रदेश से ही संसदीय क्षेत्र से प्रधानमंत्री दोबारा चुना हो। उस प्रदेश से एक से एक विद्वान हुए। ऐसी जगह पर सूर-कबीर और तुलसीदास जैसे महापुरुषों ने जन्म लिया हो।
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