कांग्रेस अर्बन-नक्सल के बीच फंस चुकी है : प्रधानमंत्री

Politics दिल्ली

सेंट्रल डेस्क। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा को जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा कि यहां कुछ सदस्यों ने कहा था कि यदि कांग्रेस नहीं होती तो क्या होता? इसके जवाब में मोदी ने गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र में परिवारवाद नहीं होता, आपातकाल न लगता, सिखों का नरसंहार नहीं होता, कश्मीरी पंडित नहीं होते।

प्रधानमंत्री ने इतिहास को बदलने के आरोपों के बीच कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस अर्बन नक्सल सोच के चंगुल में फंस चुकी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूरी सोच पर अर्बन-नक्सल का कब्जा हो चुका है। उन्होंने कहा कि यहां कुछ लोग इतिहास बदलने पर चर्चा कर रहे हैं। हम पर आरोप लगाया जाता है कि हम इतिहास बदलने की कोशिश कर रहे हैं। बाहर भी ऐसा बोला जाता है। कई बार ऐसा बोला जाता है। दरअसल यह कांग्रेस की अर्बन सोच का नतीजा है।

मोदी ने राज्यसभा में कहा, मैं देख रहा हूं कि कांग्रेस अर्बन नक्सल की सोच में बदल रही है। उनकी पूरी सोचने के तरीके को अर्बन नक्सल ने कब्जा कर लिया है। उसके पूरे विचार को कब्जा कर लिया। इसलिए वे बोल रहे हैं कि इतिहास बदला जा रहा है। इसी कारण वे बार-बार बोल रहे हैं इतिहास बदल रहा है। मोदी ने कहा कि हम कुछ लोगों की यादाश्त ठीक करना चाहते हैं, थोड़ा उनकी मेमोरी पॉवर बढ़ाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि भारत 1947 में ही बना था। उन्हें लगता है कि उन्हीं की वजह से लोकतंत्र है लेकिन उन्हें 1975 याद नहीं है जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम कोई इतिहास बदल नहीं रहे हैं बल्कि इतिहास को थोड़ा पीछे ले जा रहे हैं। कुछ लोगों का इतिहास कुछ ही साल से शुरू होता है, हम सिर्फ उसे पीछे ले जा रहे हैं।

अगर उनको 50 साल के इतिहास में ही मजा आता है तो उसको सौ साल तक ले जा रहे हैं। किसी को सौ साल के इतिहास में मजा आ रहा है तो हम 200 साल तक पीछे ले जा रहे हैं। इसी तरह किसी को 200 साल तक के इतिहास से ही मतलब है तो हम 300 साल तक ले जा रहे हैं और जब 300 या 400 साल तक ले जाएंगे तो छत्रपति शिवाजी का नाम आएगा ही आएगा। इसी से लोगों की परेशानी हो जाती है। दरअसल हम उनकी मेमोरी को तेज कर रहे हैं। हम इतिहास नहीं बदल रहे हैं। कुछ लोगों का इतिहास एक परिवार तक सीमित है तो इसमें हम क्या करें।

प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य बिंदु :

-अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता।
-अगर कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक नहीं होता।
-अगर कांग्रेस न होती तो दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता।
-अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती।
-अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता।
-अगर कांग्रेस न होती तो सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता।
-अगर कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती।
-अगर कांग्रेस न होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होतीं।
-अगर कांग्रेस न होती तो सामान्य आदमी को मूलभूत सुविधाओं के लिए इतना इंतजार न करना पड़ता।
-कांग्रेस व पंडित नेहरू नहीं होते तो गोवा की आजादी में 15 साल ज्यादा नहीं लगते।

यह भी पढ़ें…

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय देश के 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई। गरीबों का चूल्हा कभी बंद न हो ऐसा करके भारत ने पूरी दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया। यह बड़ी कामयाबी है कि महामारी की रुकावट के बाद भी लाखों परिवारों को गरीबों को पक्का घर देने की दिशा में हम लगातार चलते रहे। जब तक महामारी रहेगी, तब तक सरकार गरीब का जीवन बचाने के लिए जितना खर्च करना पड़ेगा, उतना करेगी। कांग्रेस पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा- कोरोना पर भारत की कोशिशों की दुनियाभर में तारीफ हो रही है। बेहतर होता कि कांग्रेस के लोग इसका यश लेने की कोशिश करते।