सेंट्रल डेस्क/दिवाकर श्रीवास्तव। राष्ट्रीय राजधानी का सबसे प्रमुख उद्यान, विशाल मुगल गार्डन, जो राष्ट्रपति संपदा का हिस्सा है, को 12 फरवरी से जनता के लिए खोल दिया जाएगा। राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, वार्षिक राष्ट्रपति भवन उद्यानोत्सव-मुगल गार्डन 12 फरवरी से 16 मार्च (सोमवार को छोड़कर) तक जनता के लिए खुला रहेगा।
पिछले साल, कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान लोकप्रिय मुगल गार्डन आने वाले लोगों पर भी प्रतिबंध लगाने पड़े थे। 15 एकड़ के विशाल विस्तार में फैले, राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन के लिए जम्मू और कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के बगीचों और यहां तक कि भारत और फारस के लघु चित्रों से प्रेरणा ली गई है।
राष्ट्रपति भवन की मुख्य इमारत से सटे विशाल आयताकार गार्डन के इस बेहद खूबसूरत हिस्से में सजावटी पेड़-पौधे और फव्वारों के अलावा फूलों के कार्पेट भी मन मोहते हैं। यहां ट्यूलिप, मोगरा-मोतिया, रजनीगंधा, बेला, रात की रानी, जूही, चम्पा-चमेली जैसे कई फूल देखने को मिलेंगे। राष्ट्रपति भवन की इमारत में जिस तरह वास्तुकला की दो अलग-अलग शैलियां हैं- भारतीय और पश्चिमी, उसी तरह, मुगल गार्डन में दो अलग-अलग बागवानी परंपराएं हैं, जिसमें मुगल शैली और अंग्रेजी फूलों का बगीचा शामिल है।
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मुगल नहरों, छतों और फूलों की झाड़ियों को यूरोपीय फूलों, लॉन और निजी हेजेज के साथ खूबसूरती से मिश्रित किया गया है। हर्बल गार्डन आदि के अलावा विभिन्न प्रकार के गुलाब, ट्यूलिप और हर्बल गार्डन मुगल गार्डन के प्रमुख आकर्षण हैं। मुगल गार्डन में थोड़ा आगे बढ़ने पर आपको मिलेगा रोज़ गार्डन। गुलाब की तकरीबन 135 किस्में हैं इस बगिया में। क्वीन एलिजाबेथ, मदर टेरेसा, एंजलिक, ब्लू मून, ब्लैक रोज, ग्रीन रोज जैसे सजावटी और खुशबू वाली दोनों वराइटी इनमें शामिल है। यह दुनिया के बेस्ट रोज गार्डन्स में से एक है।