बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। शुक्रवार की देर संध्या जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हरदेव भवन सभागार में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक की गई। “सक्षम बिहार- स्वाबलंबी बिहार” अंतर्गत सात निश्चय-2 में लक्षित ‘स्वच्छ गांव-समृद्ध’ गांव के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण (2021-22 से 2024-25) में ग्राम पंचायतों द्वारा खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सुनिश्चित करने हेतु सूचना, शिक्षा एवं संचार के माध्यम से समुदायों का व्यवहार परिवर्तन, चिन्हित नए परिवारों, छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालयों की सुलभता तथा चरणबद्ध तरीके से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा राज्य के सभी गांव को ओडीएफ प्लस बनाया जाना है।
जिससे राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव की परिकल्पना को साकार किया जा सकेगा। योजना में निहित विभिन्न अवयवों के क्रियान्वयन हेतु जिला में फिलहाल 50 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इन ग्राम पंचायतों से संबंधित घरों की संख्या, जनसंख्या आदि से संबंधित आंकड़ों की प्रविष्टि पूर्व में निर्धारित पोर्टल पर की गई थी। आंकड़ों की प्रविष्टि के आधार पर इन ग्राम पंचायतों के विभिन्न अवयवों के लिए ऑनलाइन माध्यम से स्वजनित डीपीआर तैयार हुआ है। चयनित पंचायतों में योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत के मुखिया की अध्यक्षता में गठित ग्राम पंचायत क्रियान्वयन समिति के माध्यम से कराया जाना है।
योजना के अनुश्रवण हेतु प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड परियोजना अनुश्रवण इकाई तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में इस योजना से संबंधित विभिन्न अवयवों पर विस्तार से चर्चा की गई तथा क्रियान्वयन हेतु महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु पंचायत स्तर पर प्रति वार्ड हेतु दो स्वच्छता कर्मी होंगे, प्रति वार्ड पर हाथ ठेला/रिक्शा की व्यवस्था की जाएगी तथा घर घर से ठोस अपशिष्ट का संग्रह, पृथक्करण, परिवहन एवं समुचित निष्पादन हेतु कार्य किया जाएगा।
ग्राम पंचायत क्रियान्वयन समिति संबंधित ग्राम पंचायत को खुले में शौच से मुक्ति के स्थायित्व एवं सभी परिवारों घरों को व्यक्तिगत शौचालय की सुलभता प्रदान करने हेतु कार्य करेगी। भूमिहीन परिवारों खासकर अनुसूचित जाति /जनजाति के टोलों/बसावटों में आवश्यकतानुसार सामुदायिक स्वच्छता परिसर/ क्लस्टर शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। ग्राम पंचायत अंतर्गत प्रमुख संस्थान यथा -विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत कार्यालय इत्यादि में शौचालय की सुलभता एवं उपयोग सुनिश्चित कराया जाएगा।
ग्राम पंचायत/वार्ड स्तर पर ठोस अपशिष्ट का अलगाव, संग्रहण, परिवहन, प्रसंस्करण एवं समुचित निपटान की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हेतु भी कार्रवाई की जाएगी। ग्राम पंचायत क्रियान्वयन समिति द्वारा ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में तकनीकी तथा क्रियान्वयन समिति को अन्य तरह के सहयोग हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक स्वच्छता पर्यवेक्षक का चयन निर्धारित प्रावधान के अनुसार किया जा सकेगा।
बैठक में चयनित ग्राम पंचायतों से संबंधित ऑनलाइन प्रविष्टि के आंकड़ों का एक सप्ताह के अंदर सत्यापन सुनिश्चित कराने का निर्णय लिया गया। प्रावधान के अनुसार योजना के क्रियान्वयन हेतु पंचायत स्तर पर नियोजित किए जाने वाले कर्मियों के लिए अर्हता एवं शर्तों का स्पष्ट उल्लेख करते हुए पारदर्शी तरीके से कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, डीपीएम जीविका सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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