पूर्णिया/राजेश कुमार झा। पूर्णिया जिला आज अपना 252वां बर्थडे मना रहा है। अपने स्थापना दिवस पर दुल्हन की सजधज कर तैयार है पूर्णिया। विदित हो कि पूर्णिया की स्थापना आज से 248 साल पहले सन 1770 ईस्वी में हुई थी। अपनी इस 252 वें साल में पूर्णिया जिले ने बहुत ही उतार-चढ़ाव देखे,1954 का भूकम्प और 2008 कि भीषण बाढ़ को भी झेला।
कहा जाता था कि अंग्रेजों के समय जिसे काला पानी की सजा मिलती थी तो उसे पूर्णिया भेजा जाता था।लोग कालापानी के नाम से इतना डरने लगे कि पूर्णिया का नाम सुनते ही आंखों के आगे अंधेरा छा जाता था। जिस मुजरिम को अंग्रेजों ने काला पानी की सजा सुनाई समझो उसकी मौत ही हो गई, लेकिन आज स्थिति बिल्कुल ही बदल गई है। भौगोलिक दृष्टि के अनुसार आज पूर्णिया का वातावरण बिल्कुल बदला हुआ है।
पूर्णिया बिहार का सबसे बेहतरीन जिला की लिस्ट में शामिल हो गया है। पूर्णिया की धरती ने फणीश्वरनाथ रेणु और लक्ष्मी नारायण सुधांशु जैसे न जाने कितने ही लाल इस देश को दिए हैं। आज समस्त पूर्णियावासियों को अपने इस जिले पर गर्व है। आज 252वें स्थापना दिवस के मौके पर जिलाधिकारी राहुल कुमार ने समूचे पूर्णियावासियों को 252 वें स्थापना दिवस की बहुत-बहुत बधाई दी।
आज पूर्णिया के समाहरणालय के सभागार में जिले के सभी पदाधिकारियों की बैठक करते हुए जिलापदाधिकारी राहुल कुमार ने 14 एवं 15 फरवरी को दो दिवसीय स्थापना दिवस आयोजित करने पर विशेष चर्चा की। कार्यक्रम का केंद्र पूर्णिया का इंदिरा गांधी स्टेडियम होगा।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिलापदाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों को अपने-अपने कार्यो की जिम्मेवारी सौंपी। इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमो के अलावा फूलों की प्रदर्शनी का भी आनंद लेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये जिले के सभी प्रखंडों में प्रभातफेरी, खेलकूद, वाद-विवाद, निबन्ध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।
यह भी पढ़ें…