-डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी में लालू प्रसाद यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, डॉ. केएम प्रसाद, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, समेत 99 अभियुक्त हैं।
स्टेटडेस्क, रांची। राजद सुप्रीमो लालू यादव के भाग्य का फ़ैसला एक बार फिर कल मंगलवार को होगा। चारा घोटाला से जुड़े 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत कल अपना फैसला सुनाएगी। उल्लेखनीय है कि लालू यादव के खिलाफ यह पांचवां एवं अंतिम मामला है जिसमें फैसला आने वाला है। इससे पहले सीबीआइ कोर्ट ने उन्हें चाईबासा के दो, देवघर और दुमका के एक-एक मामले में पहले ही सजा सुना चुकी है।
इन मामलों में सजायाफ्ता लालू फिलहाल जमानत पर हैं, अगर अब उन्हें इस मामले में सजा सुनाई जाती है तो लालू को एक बार फिर जेल जाना होगा। यह दिलचस्प है कि कोर्ट के जिस कक्ष में लालू प्रसाद यादव पर फैसला सुनाया जाना है, उस कक्ष में वह तीसरी बार मौजूद होंगे। वर्ष 2013 में कोर्ट के इसी कक्ष में सीबीआइ के जज पीके सिंह ने पहली बार लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई थी। सीबीआइ के स्पेशल पीपी बीएमपी सिंह ने बताया कि इस मामले में 575 गवाह पेश किए गए।
जबकि, बचाव पक्ष से 25 गवाह पेश हुए। सीबीआइ ने 15 ट्रंक दस्तावेज अदालत में पेश किए हैं। इस मामले में स्कूटर, मोपेड और मोटरसाइकिल से पशुचारा, सांड, भैंस, बछिया, बकरी और भेड़ झारखंड लाए गए थे। इसको साबित करने के लिए सीबीआइ ने कई राज्यों के 150 डीटीओ और आरटीओ को गवाह के रूप में शामिल किया था। जिसमें उन्होंने उक्त वाहनों के पंजीयन की जानकारी दी थी।
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, डॉ. केएम प्रसाद, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, समेत 99 अभियुक्त ट्रायल फेस कर रहे हैं।