कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) बीसीसीआई ही नहीं हाईकोर्ट की भी आंखों में धूल झोंकने में सफल रहा। संघ हाईकोर्ट में चल रहे मामलों में तारीख पर तारीख लेने के लिए हरसंभव प्रयास करने और अपनी रणनीति को तैयार करने में नजर आया। संघ ने चुनावी प्रक्रिया की चुनौती के बीच ही उसे निर्विरोध रूप से सम्पन्न करवाने में सफलता पा ही ली।
एक तरफ संघ ने कोविड-19 के पालन को मानने के लिए सभी नियमावली को दिखाने का प्रयास कर हाईकोर्ट को दिखाया तो वहीं आज की ऑफलाइन चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने में वह पूरी तरह से सफल दिखाई दिया। जबकि चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए उसने हाईकोर्ट में ऑनलाइन वह वर्चुअल ही कराने का लिखित आश्वासन दिए था।
यही नहीं संघ ने अपने चुनावी मेमोरेण्डम में भी साफ तौर पर इंगित किया था कि वह वर्चअल तौर पर ही मतदान प्रक्रिया कराएगा लेकिन सभी पदों पर निर्विरोध चुने जाने वाले सभी पदाधिकारियों का स्वागत करने में कोताही नही बरती और कोविड प्रोटोकाल का पालन भी नही करने की जहमत उठायी। हैं गौरतलब है कि मंगलवार को यूपीसीए के मुख्यालय में नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत भी भव्य अन्दाज में किया गया जिसमें लगभग 60 से 70 लोगों की मौजूदगी ने नियमों की भी जमकर धज्जियां उडायी।
गौरतलब है कि नवनियुक्तं अध्यक्ष निधिपति सिंहानिया की मंगलवार को कमला क्लब प्रांगण में आयोजित होने वाले समारोह की गैरमौजूदगी सभी सदस्यों के बीच चर्चा का विषय रही। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की असंवैधानिक विशेष आम बैठक दोपहर 3 बजे सम्पन्न हुई, इस बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य इशरत महमूद ने की एवं कार्यवाहक सचिव मोहम्मद फहीम द्वारा कार्यवाही प्रारम्भ की गई।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से के निर्वाचन अधिकारी पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एके जोती, रिटर्निंग अधिकारी तापोश भट्टाचार्य एवं हिमानी छाबड़ा (सहा. रिटर्निंग अधिकारी) भी उपस्थित थे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त एके जोती ने सात फरवरी को निम्नलिखित पदाधिकारियों एवं एपेक्स कॉउन्सिल के सदस्यों के निर्विरोध चयन की घोषणा की थी।
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जोती ने निधिपति सिंघानिया को अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन), श्याम बाबू को उपाध्यक्ष (उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन), प्रदीप गुप्ता को सचिव (उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन), प्रेम मनोहर गुप्ता को सदस्य (शीर्ष परिषद) एवं आनंद पाठक को सदस्य (एपेक्स कॉउन्सिल) निर्विरोध नियुक्त कर दिया था। क्रिकेट के जानकार संजय तिवारी ने बताया कि जब मामला हाईकोर्ट में लम्बित है तो संघ को पूरी सच्चाई से अवगत करवाना चाहिए जिससे चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी रहती।