स्टेट डेस्क: बजट सत्र की शुरुआत 25 फरवरी से हो रही है। इस बजट सत्र की शुरुआत के साथ ही एक विवाद यह शुरू होगा कि सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान और समाप्ति राष्ट्रीय गीत से होगी। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इस बात को फिर से दोहराया कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत हमारे देश के एकता अखंडता को बताते हैं। सभी जगह पर राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत होने चाहिए जो सार्वजनिक तौर पर आयोजित होते हैं।
बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा ने यह भी कहा कि भारत के संसद में 1992 से यह आयोजित होता हुआ आ रहा है और बिहार विधान सभा में भी यह परंपरा चलेगी। लेकिन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने इसका विरोध किया है।
ओवैसी की पार्टी AIMIM के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने फिर से इस बात का विरोध किया है कि उन्हें राष्ट्रगान गाने से कोई दिक्कत नहीं है। उन्हें राष्ट्रगीत गाने में दिक्कत होती है। अख्तरुल ईमान ने कहा कि राष्ट्रगीत जिसमें वन्दे मातरम है।
उसमें धरती पूजन और तमाम चीजें ऐसी है, जो हमारे मजहब में नहीं है। इसलिए इस्लाम में इस तरह के गीत नहीं गाए जाते है। अख्तरुल इमान ने कहा कि एनडीए के पास बहुमत है, ताकत है। वह इस तरह के फैसले ले सकते हैं। लेकिन उन्हें सभी धर्म और समुदायों का सम्मान करना चाहिए, जिससे एक लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर बन सके।