हैदराबाद, तेलंगाना/अंकित राय। तेलंगाना के आईटी और उद्योग मंत्री केटी रामाराव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राज्य नेतृत्व के खिलाफ तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मोदी ने तेलंगाना राज्य के गठन पर सवाल उठाने का भारी पाप किया है। आठ साल पहले 18 फरवरी को संसद ने सर्वसम्मति से आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पारित किया था जिसमें तेलंगाना राज्य के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
केटीआर ने कहा कि प्रधानमंत्री अब आधारहीन मुद्दों को उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि विभाजन जल्दबाजी में किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने एक बार आंध्रप्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि विभाजन की प्रक्रिया जल्दबाजी में की गई पर हम चुप रहे, लेकिन फिर भी उन्होंने इससे सीख ना लेकर हाल में ही संसद में इस मुद्दे को फिर से उठाया और इसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। तेलंगाना के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जा सकता है।
तेलंगाना के लोगों के भलाई के लिए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने 14 साल की लड़ाई लड़ी, जिससे उनकी जान खतरे में पड़ गई किंतु उन्होंने हार न मानी। प्रधानमंत्री की टिप्पणी की आलोचना करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी को संसद के कामकाज के बारे में पता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि तेलंगाना राज्य में हम अब हर स्तर पर भगवा पार्टी को उचित जवाब देने के लिए तैयार हैं और तेलंगाना की भी जनता इन्हें कोई समर्थन नहीं देगी। यह ऐसी पार्टी या उनके लोग हैं जो तेलंगाना के गठन पर सवाल उठाते हैं।
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उन्होंने पूछा कि क्या मोदी सिर्फ उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड के प्रधानमंत्री हैं, तेलंगाना के नहीं। अगर आप देश के प्रधानमंत्री हैं तो तेलंगाना और उसके लोगों के खिलाफ शिकायत क्यों करते हैं? उन्होंने आगे कहा कि 2014 के चुनाव में लोगों ने उन पर विश्वास करके उन्हें प्रधानमंत्री बनाया उम्मीद थी कि वह लोगों की जिंदगी बदल देंगे लेकिन बदलते जीवन को भूल जाइए मोदी अब जीवन बीमा कंपनी को भी बेचने पर आमादा हैं।