स्टेट डेस्क: कोरोना की तीन लहरों के बाद आए बजट में राज्य सरकार ने शिक्षा के बजट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कुल बजट का 16.5% खर्च शिक्षा पर किया जाएगा। तमाम योजना मदों में भी अकेले सबसे अधिक राशि 22198.38 करोड़ शिक्षा की योजनाओं पर खर्च होगी। यह सरकार के कुल स्कीम उदव्यय 1 लाख करोड़ का 22.2 फीसदी है।
शिक्षा के सार्वजनीकरण तथा उसकी गुणवत्ता को लेकर सरकार की संजीदगी इस बात से दिखती है कि विभाग के स्कीमों में सबसे अधिक 15683 करोड़ रुपए वह 2022-23 में सर्वशिक्षा अभियान पर ही खर्च करेगी।
स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और प्रदेश के बच्चों के उच्चशिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा के सपने पूरे हों, इसको लेकर इस योजना में अगले वित्तीय वर्ष के लिए 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
विदित हो कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में अभी तक कुल 163331 आवेदकों के लिए 4989.00 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इनके अलावा जिन प्रमुख योजनाओं को जारी रखने के लिए राशि का प्रावधान किया गया है उनमें एमडीएम के समर्थन के लिए 3100 करोड़, मुख्यमंत्री पोशाक योजना के लिए 350 करोड़, छात्रवृत्ति/ वजीफा के लिए 303 करोड़, मुख्यमंत्री साइकिल योजना के लिए 243 और प्रारंभिक विद्यालयों के भवन के लिए 200 करोड़ प्रमुख हैं। गौर हो कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में शिक्षा के कुल बजट में करीब 1155.94 करोड़ की वृद्धि की है जबकि इस महकमे के स्कीम मद में 259.35 करोड़ की बढोत्तरी की गई है। शेष राशि स्थापना मद की है।
खास बातें:
-हर जिले में एक मॉडल प्लस टू हाई स्कूल बनाया जाएगा
-राज्य के प्राथमिक स्कूलों में 40,558 प्रधान शिक्षक नियुक्त होंगे
-मध्य विद्यालयों में 8,386 शारीरिक अनुदेशकों के पदों पर नियुक्ति होगी
-राज्य में 4,638 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की जाएगी