स्टेट डेस्क/पटना। नक्सलियों ने भर्ती अभियान टेक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) लांच किया है। एक मार्च को लॉन्च हुआ उनका यह अभियान 30 जून तक चलेगा। इसे लेकर पुलिस मुख्यालय ने जिलों को अलर्ट किया है और साथ ही सुरक्षा को लेकर भी पुलिस ने कमर कस ली है।
पुलिस मुख्यालय ने नक्सलियों के इस अभियान के दौरान हिंसक घटनाओं के घटित होने की भी आशंका जताई है। इस अभियान को लेकर अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में नक्सली कमांडर के भी पहुंचने की सूचना खुफिया विभाग ने दी है। खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि टीसीओसी के दौरान नक्सली अपने प्रभाव वाले इलाकों में युवाओं को अपने गिरोह में भर्ती के लिए अभियान चलायेंगे।
नक्सल प्रभावित जिलों के सुदूर गांव में नक्सली युवाओं को टारगेट कर भर्ती अभियान चलायेंगे। इस अभियान में युवाओं को अपनी ओर लाने के लिए कई नक्सली कमांडर भी उन इलाकों में पहुंचेंगे। पुलिस और सुरक्षा बलों का ध्यान उनके भर्ती अभियान से भटका रहे इसे लेकर वे कुछ जगहों पर हिंसक घटनाओं को भी अंजाम दे सकते हैं। मुख्यालय ने रेलवे ट्रैक, स्टेशन के साथ ही पुलिस, अर्धसैनिक बलों, सरकारी संस्थानों, विकास कार्य से जुड़े ठेकेदारों आदि पर हमले की आशंका जताई है।
नक्सली प्रत्येक साल इस तरह का अभियान चलाते हैं। हर बार की तरह ही इस बार भी वे मॉनसून से पहले इस अभियान को पूरा करना चाहते हैं। टीसीओसी के दौरान वे युवाओं को अपने गिरोह में भर्ती कर उन्हें ट्रेनिंग भी देने का काम करेंगे। नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान को और सख्त करने और कमांडर के मौजूद होने की सटीक सूचना पर सुरक्षा बलों के साथ कार्रवाई का भी निर्देश दिया गया है।
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नक्सल प्रभावित जिलों की बात की जाए तो भागलपुर के आसपास के जिलों में बांका, मुंगेर, जमुई और लखीसराय के अलावा राज्य में रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा और पश्चिमी चंपारण जिले नक्सल प्रभावित हैं। डीआईजी सुजीत कुमार ने बताया कि बांका में उनके खिलाफ अभियान समय-समय पर चलता रहता है। उनका कहना है कि अन्य प्रभावित जिलों की पुलिस से समन्वय बनाकर भी कार्रवाई की जायेगी।