बखरी पुलिस-प्रशासन पर भारी पड़ रहा है राशन बेचने वाला चार्जशीटेड डीलर

बिहार बेगूसराय

बेगूसराय/विनोद कर्ण। सरकारी राशन को खुले बाजार में बेचने का आरोपी चार्जशीटेड डीलर बखरी पुलिस-प्रशासन पर भारी पड़ रहा है। आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा-7 के तहत एफ़आईआर- 356/21 दर्ज होने के तीन महीने बाद भी ना सिर्फ वह पुलिस गिरफ्त से बाहर है, बल्कि खुलेआम घूम रहा है। उक्त डीलर पर सरकारी राशन को ब्लैक मार्केट में बेचने के कुल तीन-तीन मुकदमे बेगूसराय सिविल कोर्ट में लंबित चल रहे हैं।

डीलर का नाम मोअज्जम अंसारी है और वह बखरी प्रखंड अंतर्गत चकहमीद पंचायत का पीडीएस डीलर है। फिलहाल उसका पीडीएस लाइसेंस सस्पेंड चल रहा है। इससे पहले उक्त डीलर के खिलाफ साल 2011 में बखरी थाना में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा-7 के तहत एफआईआर नंबर-21/2011 व साल 2012 में एफआईआर नंबर-39/2012 दर्ज है।

सरकारी राशन को खुले बाजार में बेचने के मामले में सभी मुकदमे बखरी के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा दर्ज कराए गए थे। साल 2012 में सरकारी राशन की कालाबाजारी का एफआईआर दर्ज होने के बाद तत्कालीन बखरी एसडीओ ने डीलर मोअज्जम अंसारी का पीडीएस लाइसेंस साल 2012 में रद्द कर दिया था। मगर बाद में आपूर्ति विभाग के अफसरों की मेहरबानी से केस लंबित रहने के बावजूद मोअज्जम अंसारी को दोबारा 2016 में पीडीएस लाइसेंस दे दिया गया।

चकहमीद पंचायत के लोग बताते हैं कि दोबारा डीलरशिप हासिल करने के बाद से वह और दबंग हो गया था और राशन की खुलेआम घटतौली, तय कीमत से अधिक वसूली और लगभग हर महीने राशन की खुले बाजार में बिक्री करने लगा। बार-बार शिकायत करने के बावजूद स्थानीय अधिकारियों से लेकर जिला तक के अफसरों द्वारा कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इसके बाद थक-हारकर बीते साल पांच दिसंबर को चकहमीद गांव के लोगों ने मिलकर डीलर मोअज्जम अंसारी को खुले बाजार में कैरोसिन तेल बेचते हुए रंगे हाथों प्रशासन के हवाले कर दिया। मौके से कैरोसिन तेल भी बरामद किया गया और खरीदने वाला व्यापारी भी पकड़ा गया। लोगों के दबाव को देखते हुए प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराया और डीलरशिप को सस्पेंड कर दिया।

मगर डीलर पर मेहरबान पुलिस-प्रशासन ने जांच-पड़ताल की खानापूर्ति के बहाने ना तो उसे अबतक गिरफ्तार करने में दिलचस्पी दिखाई है और ना ही उसका लाइसेंस ही रद किया गया है। सरकारी राशन वितरण में गड़बड़ी और धांधली के मामले को लगातार उठा रहे चकहमीद पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता मो. नूरूद्दीन कहते हैं कि बखरी प्रखंड में कुल मिलाकर स्थिति यह है आपूर्ति विभाग के अफसरों और एडिशनल एसडीओ शहज़ाद अहमद की मिलीभगत से सरकारी राशन की लूट की छूट है।

नूरूद्दीन कहते हैं कि ख़ासतौर पर कोरोना काल में फ्री मिलने वाले सरकारी राशन को कुछ डीलरों को छोड़कर ज्यादातर डीलरों ने खुले बाजार में बेच लिया है। उन्होंने कहा कि पाश मशीन के कारण राशन लूट का खेल बहुत चालाकी से खेला जाता है। जैसे कि सरकार ने कोरोना काल में सभी उपभोक्ताओं को एक साथ दो महीने का राशन देने का प्रावधान किया। लेकिन ज्यादातर डीलर्स ने अफसरों के साथ सांठगांठ कर दो की जगह सिर्फ एक महीने का राशन वितरित किया और उपभोक्ताओं से पाश मशीन पर दोनों महीने का राशन प्राप्ति का अंगूठा लगवा लिया।

पढ़े-लिखे उपभोक्ताओं को भी यह पता नहीं होता है कि पाश मशीन पर जो डीलर अंगूठा लगवा रहा है वह कितने महीने के राशन प्राप्ति का है, क्योंकि कोई भी डीलर किसी उपभोक्ता को पाश मशीन की रसीद नहीं देता है। इसके अलावा घटतौली करना, तय कीमत से ज्यादा रुपये उपभोक्ताओं से वसूली करना आम बात है। सबसे अहम बात कि आप इस सबकी मौखिक या लिखित शिकायत किसी भी अफसर से करके देख लीजिए कोई कार्रवाई किसी भी स्तर पर नहीं होगी।

अलबत्ता जिस डीलर की शिकायत की जाती है उसे हर शिकायत पर संबंधित अफसरों को कोई कार्रवाई नहीं करने का सुविधा शुल्क पहुंच जाता है। उन्होंने कहा कि चकहमीद पंचायत में सरकारी राशन लूट की अनेकों बार शिकायत करने के बावजूद बखरी के अफसरों ने कार्रवाई करने के बजाए उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। फिर उन्होंने बेगूसराय में जिला के अफसरों तक शिकायत की कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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