सेंट्रल डेस्क/ बीपी टीम : रूस- यूक्रेन के बीच जंग जारी है और इस लड़ाई का चारों तरफ असर नजर आएगा। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार इस लड़ाई के चलते यूरोप, अफ्रीका और एशिया के लोगों की खाद्य आपूर्ति और आजीविका दोनों पर संकट गहरा गया है।
काला सागर का विशाल क्षेत्र उपजाऊ खेतों पर निर्भर हैं। इसको दुनिया की रोटी की टोकरी के रूप में जाना जाता है। खेती किसानी सब चौपट होने की ओर है क्योंकि इस लड़ाई के चलते लाखों यूक्रेनी किसानों को पलायन करना पड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय अनाज परिषद के निदेशक अरनौद पेटिट ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि यदि यह युद्ध लंबे समय तक चलता है तो यूक्रेन से सस्ते गेहूं के आयात पर भरोसा करने वाले देशों को जुलाई में खाद्य सामग्री में किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
इस संकट से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा मिस्र और लेबनान जैसी जगहों पर बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी में ढकेल सकती है। बता दे रूस और यूक्रेन दुनिया के लगभग एक तिहाई हिस्से में गेहूं और जौ का निर्यात करते हैं। यूक्रेन मकई का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। यही नहीं यूक्रेन दुनिया में सूरजमुखी के तेल सर्वाधिक उत्पादनकर्ता है। जाहिर है यह युद्ध केवल रूस और यूक्रेन को ही नहीं दुनिया के अन्य मुल्कों को भी प्रभावित करेगा।