सेंट्रल डेस्क/नई दिल्ली। देश में ज्यादातर लोगों को टीका लगने व तीसरी लहर के बाद कोरोना से अभी बहुत राहत है। बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों व अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को कोरोना के टीके की तीसरी डोज भी सतर्कता डोज के रूप में लगाई जा रही है। इस बीच एम्स सहित पांच अस्पतालों में कोरोना के नेजल टीके के बूस्टर डोज का ट्रायल शुरू हुआ है।
इस बाबत एम्स में टीके के बूस्टर डोज के ट्रायल के प्रमुख इन्वेटिगेटर व कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. संजय राय ने कहा कि एम्स में 100 लोगों पर नेजल टीके की बूस्टर डोज का ट्रायल होगा। टीके की दोनों डोज ले चुके लोगों को ही बूस्टर डोज दी जाएगी। इसके तहत जिन्हें टीके की दूसरी डोज लिए पांच से सात माह हुए हैं वे लोग इस ट्रायल में शामिल होने के योग्य हैं।
जिन्हें टीके की दूसरी डोज लिए पांच माह से कम व सात माह से अधिक समय हो चुका है वे इसमें हिस्सा नहीं ले सकते। 10 अगस्त 2021 से 10 अक्टूबर 2021 के बीच कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दोनों डोज ले चुके 18 साल से अधिक उम्र के लोग हिस्सा ले सकते हैं। मिली जानकारी के मुताबि, ट्रायल में शामिल होने के इच्छुक लोग मोबाइल नंबर 8826604947 पर वाट्सएप मैसेज या सीटीएआइआइएमएस.कोविड19@जीमेल.कॉम पर ईमेल कर सकते हैं।
इसके अलावा एम्स के डाट्स सेंटर में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे के बीच पहुंच सकते हैं। ट्रायल के लिए बूस्टर डोज देने से पहले दोनों डोज टीकाकरण का प्रमाण पत्र दिखना होगा। डा. संजय राय ने कहा कि ट्रायल तीन वर्गों में बांट कर किया जाएगा। इसके तहत कुल लोगों को बूस्टर डोज के रूप में कोवैक्सीन व कुछ लोगों को कोविशील्ड टीके का इंजेक्शन दिया जाएगा। इसके अलावा पहले कोवैक्सीन या कोविशील्ड लेने वाले कुछ लोगों को नेजल टीका दिया जाएगा।
इसके बाद तीनों टीके का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि नेजल टीका संक्रमण से बचाव में कितना असरदार है। उन्होंने कहा कि इंजेक्शन के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले टीके कोरोना की गंभीर बीमारी से बचाव व मौत रोकने में असरदार है लेकिन ये टीके म्युकोजल इम्युनिटी नहीं देते। नेजल टीका के ड्राप नाक में दिया जाता है।
इसलिए नाक के आसपास के हिस्सों में म्युकोजल इम्युनिटी विकसित हो जाती है। इसलिए नाक व मुंह के जरिये वायरस का संक्रमण होने पर म्युकोजल इम्युनिटी वायरस की संख्या बढ़ाने नहीं देती और वायरस को न्यूट्रलाइज कर देती है। इसलिए इस बात की संभावना है कि नेजल टीका संक्रमण रोकने में अधिक मददगार साबित होगा लेकिन इसकी पुष्टि ट्रायल के नतीजों से ही होगी।
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