स्टेट डेस्क/पटना। बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने 13 सूत्री मांगों के समर्थन में राजधानी पटना के गर्दनीबाग में धरना दिया। साथ ही अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारे लगाए। महासंघ की मांग है कि वेतन और पेंशन का भुगतान सभी विश्वविद्यालय, में एक समान और ससमय किया जाए।
वही राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार की तरह बिहार सरकार भी पुरानी पेंशन योजना को यथाशीघ्र लागू करें। संघ का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं सुनती है, तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।प्रोफेसर गौतम ने बताया कि महाविद्यालय के भांति नामांकन की सीटों में वृद्धि आदि मांगों को लेकर बिहार राज्य डिग्री महाविद्यालय शिक्षक कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर आज हजारों शिक्षकर्मियों ने प्रदर्शन कर धरना पर बैठे।
धरना स्थल पर शिक्षकों का साथ देते हुए विधान पार्षद डा संजीव कुमार सिंह कहा शिक्षकों का पूरा साथ देंगे और इस विषय पर शिक्षा मंत्री से भी वार्तालाप करेंगे। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बिहार में जो 250 महाविद्यालय हैं। उनके संघर्ष और अनुदान के बारे में हमें अच्छे से जानकारी हासिल करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जितनी मजबूती से आप लड़ेंगे इतनी जल्दी आपके समस्या का समाधान होगा और हम आपका पुरजोर समर्थन करते हैं।
आज के धरना का नेतृत्व प्रधान संयोजक डॉ. शंभूनाथ प्रसाद सिन्हा ने किया। डॉक्टर शंभूनाथ ने बताया कि यह धरना आज से राज्य स्तरीय धरना शुरू हुआ है जो कि कल तक प्रगतिशील रहेगा और हम अपने मांगों को सरकार के समक्ष रखते हैं।
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डॉ. गजेन्द्र राय ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता एवं संवेदनहीनता के कारण डिग्री महाविद्यालय के शिक्षकर्मी भुखमरी और बदहाल ज़िन्दगी जीने को मजबूर है। प्रो. अरुण गौतम ने बताया कि यह आंदोलन कल 11 मार्च को भी आन्दोलन जारी रहेगा।