स्टेट डेस्क: बिहार विधानसभा बजट सत्र का 2 दिन हंगामा की भेंट चढ़ गया। अमूमन हंगामा विपक्ष के विधायक ही करते हैं। लेकिन बिहार विधानसभा के इन दोनों दिनों में एक दिन पक्ष की तरफ से तो दूसरे दिन विपक्ष के तरफ से सभा को नहीं चलने दिया गया। मामला शुरू हुआ सोमवार को। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को भरी सभा में खरी खोटी सुनाई। उसके बाद ऐसा लगा कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं, सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। लेकिन उसका परिणाम दूसरे दिन देखने को मिला।
मंगलवार को अध्यक्ष विजय सिन्हा विधानसभा परिसर में पहुंचे थे, अपने चेंबर में थे। लेकिन कार्यवाही में भाग लेने नहीं गए। ऐसे में विपक्ष ने विजय सिन्हा को आसन पर बुलाने की मांग शुरू कर दी। सभापति प्रेम कुमार सदन को चलाना चाह रहे थे, लेकिन विपक्ष और BJP के विधायक विजय सिन्हा को आसन पर बुलाने को लेकर अड़े हुए थे। वहीं विपक्ष को परोसा हुआ मुद्दा मिल गया। विपक्ष ने मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग तेज कर दी। मंगलवार को पूरे दिन तीन बार सभा बैठी और तीनों बार मिलाकर महज 38 मिनट सभा चल सकी।
मंगलवार के बाद बुधवार को जब सदन की बैठक शुरू हुई तो यह कंफ्यूजन था कि विजय सिन्हा आज सदन की कार्यवाही में भाग लेते हैं या नहीं। लेकिन बताया गया कि रात में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विजय सिन्हा की मुलाकात हो चुकी थी। विजय सिन्हा आज सदन में गए। विधानसभा अध्यक्ष ने 3 पेज के अपने भाषण में तमाम संवैधानिक बातों को रखा। लेकिन, तब तक विपक्ष ने इस मामले को उठा लिया था। विपक्ष इस बात को लेकर हंगामा करने लगा कि नीतीश कुमार अध्यक्ष के अपमान को लेकर सदन में माफी मांगे। साथ ही इस मसले पर डिबेट कराया जाए।
11:00 बजे महज 15 मिनट विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई। विपक्षी जोरदार हंगामा करता रहा सदन को 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 2:00 बजे भी कार्रवाई महज 15 मिनट ही चली विपक्ष के हंगामा के सामने अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कार्रवाई को 4:50 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। कुल मिलाकर आज भी 40 मिनट विधानसभा की कार्रवाई चली। इन दोनों दिनों में तारांकित प्रश्न, अनुसूचित प्रश्न, ध्यानाकर्षण नहीं पूछे जा सके। वह आज विभाग का बजट खानापूर्ति के लिए पेश कर दिया गया।