कानपुर, बीपी डेस्क। हमीरपुर जिले में मामा-भांजे की हत्या मामले में पुलिस की टीम ने पिता-पुत्र समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि पैसों के विवाद में इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. आरोपियों ने बेहद खतरनाक तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया. इसके बाद दोनों ने शवों को कुएं में फेंक दिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कानपुर निवासी मयंक शर्मा 12 मार्च को पत्योरा निवासी संतराम निषाद के फोन पर अपने भांजे विपुल शर्मा के साथ गांव आया था. लेकिन इसके बाद दोनों गायब हो गए. इसके बाद मयंक की बहन प्रिया शर्मा ने दोनों का कोई सुराग न मिलने पर संतराम पर भाई और भतीजे को गायब करने का आरोप लगाया था और पुलिस से शिकायत की थी.
इस मामले की गंभीरता को समझते हुए एसपी के निर्देश पर एसओजी टीम व थाना पुलिस ने संतराम व उसके चाचा रामस्वरूप को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की. इसके बाद दोनों ने दोहरे हत्याकांड का राज खोला. पुलिस का कहना है कि मृतक मयंक की बहन प्रिया ने बताया कि 13 मार्च को पत्योरा पुलिस चौकी और थाना सुमेरपुर में भाई और भांजे विपुल के लापता होने की सूचना दी थी.
पुलिस के मुताबिक संतराम ने साजिश के तहत पिता शंकरी निषाद और चाचा रामस्वरूप के साथ मिलकर दोनों की हत्या की. वह मयंक को खेत में ले गए और विपुल को पास के ही ट्यूबवेल से पानी लाने के लिए भेजा गया. इसके बाद पहले उन्होंने मयंक की हत्या की और उसके बाद विपुल को भी मार दिया.
दोनों शवों को छिपाकर तीनों मयंक की बाइक से घर लौटे और रात को बोरों में शव भरने के बाद जलाला-झांझरिया नहर मार्ग के पास स्थित कुएं में फेंक दिया और बाइक भी डाल दी. साथ ही पुलिस की पूछताछ में आरोपी संतराम निषाद ने बताया कि मयंक शर्मा से उसकी दो साल से पहचान थी, उसने मयंक को आवास, सिलाई मशीन और लोन दिलाने का फार्म भरकर काफी पैसा मंयक को दिया था. इसके साथ ही उसने भी मयंक को पैसा दिया था. लेकिन अब वह पैसा लौटाने के लिए मना कर रहा था.