कानपुर-बांदा रेलमार्ग पर चलती मालगाड़ी से अलग हुए 28 डिब्बे, बड़ा हादसा टला

उत्तर प्रदेश कानपुर

कानपुर/बीपी डेस्क। हमीरपुर रेल मार्ग पर रेलवे स्टेशन रागौल और इंगोहटा के बीच चलती मालगाड़ी के ज्वाइंटर खुल जाने से उसके 28 डिब्बे पीछे रह गए। वहीं इंजन आधे डिब्बे लेकर आगे ही निकल गया। चालक को तब आभास हुआ जब गैस निकल जाने से ट्रेन 30 मीटर आगे जाकर खुद ही रुक गई। संयोग रहा कि बड़ा हादसा टल गया। इस वजह से लगभग एक घंटे यातायात बाधित रहा। मालगाड़ी के भरुआ सुमेरपुर पहुंचने के बाद कानपुर की ओर से आ रही इंटरसिटी एक्सप्रेस को आगे की ओर रवाना किया गया।

मंगलवार दोपहर साढ़े ग्यारह बजे मालगाड़ी कानपुर की ओर जा रही थी। सभी कोच लोड थे। रागौल से निकलने के बाद इंगोहटा स्टेशन से दो किलोमीटर पहले अचानक डिब्बों को जोडऩे वाला ज्वाइंटर खुल जाने से इंजन के साथ करीब दो दर्जन डिब्बे दौड़ते चले गए। आधे डिब्बे पीछे पीछे कुछ दूर तक दौड़े बाद में खड़े हो गए। ट्रेन के दो भाग देखकर खेतों में मौजूद किसान हादसे के डर से दूर जाकर खड़े हो गए।

वहीं आधे डिब्बे छूट जाने का आभास ट्रेन के चालक को तब हुआ जब बैकम खुल जाने से इंजन पर लोड बढ़ा और करीब 30 मीटर बाद इंजन रुक गया। चालक और गार्ड ने भी ट्रेन को दो भागों में बटा देखा तो उनके भी होश उड़ गए। आनन फानन चालक द्वारा डिब्बों सहित इंजन को वापस लाया गया और ट्रैक पर खड़े सभी डिब्बों को जोड़ा गया।तब कहीं ट्रेन आगे बढ़ सकी। रेल विभाग की चूक होने से लगभग पौन घंटे मालगाड़ी रुकी रही। डिब्बे जुड़ जाने के बाद ट्रेन कानपुर की ओर निकल गई।

इस दौरान ग्रामीण घंटो वहां भीड़ जमाए खड़े रहे। एक बड़ा हादसा टल गया वरना छूटे डिब्बे पलट सकते थे। आगे ट्रेन के रुकने पर डिब्बे एक दूसरे पर चढ़ सकते थे। वहीं लाइनमैन विजय ने बताया कि उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गई है। यह कैसे हुआ इसकी जांच कराए जाने की बात कही गई है। वहीं भरुआ सुमेरपुर के सहायक स्टेशन मास्टर विनय गुप्ता ने बताया कि मालगाड़ी के दो हिस्सों मे विभाजित होने की सूचना उन्हें नहीं दी गई। चूंकि घटनास्थल रागौल स्टेशन के अंतर्गत है इसलिए उन्हें नहीं सूचित किया गया होगा।

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