सेंट्रल डेस्क/बीपी टीम : यूक्रेन के मसले पर बात करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति नाटो और अपने सहयोगियों के साथ एक अहम बैठक करने वाले हैं। ये बैठक इसलिए बेहद खास है क्योंकि ब्रसेल्स में अपने चार दिवसीय दौरे पर आने से पहले ही अमेरिका ने रूस के करीब 14 अधिकारियों को स्वदेश वापस भेजने का आदेश दे दिया गया था। इसके अलावा आज होने वाली इस बैठक में रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने का एलान कभी भी किया जा सकता है।
इसके अलावा उनकी योजना पौलेंड की राजधानी वर्सा में होने वाली एक खास बैठक में शिरकत करने की भी है। यहां पर भी यूक्रेन और रूस के मसले पर ही बात होनी है। ये दोनों बैठक इसलिए भी हो रही हैं क्योंकि अमेरिका को इस बात की आशंका है कि रूस यूक्रेन पर साइबर, केमिकल और न्यूक्लियर अटैक कर सकते है। ऐसे में अमेरिका और उसके सहयोगी देश क्या कदम उठाएंगे, इस पर इस बैठक में इसकी चर्चा हो सकती है।
इसी बीच एएफपी ने बताया है कि फिनलैंड और स्वीडन के लोगों ने एक ओपेनियन पोल में ये माना है कि उन्हें नाटो का सदस्य बनना चाहिए। रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बीच आ रहे ये पड़ाव काफी खास हैं। आपको बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमले की सबसे बड़ी वजह नाटो ही है। रूस नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने। यदि ऐसा हुआ तो नाटो की फौज और उसके हथियार रूस की सीमा तक पहुंच जाएंगे, जो उसके लिए सही नहीं होगा।
आपको बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यूरोप अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। उसके ऊपर रूस के परमाणु या रासायनिक हमले की आशंका काफी अधिक है। बाइडन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ये एक असली डर है। रूस और यूकेन की लड़ाई से अब तक 35 लाख लोग शरणार्थी जीवन बिताने को मजबूर हो रहे हैं। यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि अमेरिका, रूस और ब्रिटेन ने 1994 में यूक्रेन की सुरक्षा के लिए एक बुडापेस्ट मेमोरेंडम साइन किया था।
लेकिन मौजूदा समय में जहां रूस के हमलों से यूक्रेन तबाह हो रहा है वहीं अमेरिका और ब्रिटेन रूस पर प्रतिबंध लगाने के अलावा कुछ कर नहीं पा रहे हैं। राष्ट्रपति बाइडन ने इसको असली खतरा बताया है। बाइडन लगातार इस बात की आशंका जता रहे हैं कि रूस यूक्रेन पर केमिकल और परमाणु हमला कर सकता है। इस युद्ध की वजह से पौलेंड की सीमा पर हजारों की संख्या में रिफ्यूजी मौजूद हैं। युद्ध के चलते खाने-पीने के सामान की भी किल्लत हो रही है। आशंका यहां तक जताई जा रही है कि यदि जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो भूखमरी के हालात भी पैदा हो सकते हैं। बाइडन आज होने वाली बैठक में इस बारे में भी चर्चा करेंगे कि रूस के राष्ट्रपति को युद्ध अपराधी घोषित किया जा सके।