कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में कानपुर चार विधायकों को मंत्री बनाया गया था। लेकिन, इस बार कानपुर से एक भी विधायक को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल सका है, जबकि कानपुर से इस बार भाजपा के सात विधायक जीते हैं।
चुनाव परिणाम आने के बाद से ही वरिष्ठ विधायक सतीश महाना का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा था। उनको मंत्री न बनाए जाने से राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि यह भी चर्चा है कि महाना को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
विदित हो कि प्रदेश में जब-जब भाजपा की सरकार बनी, तब-तब कैबिनेट में कानपुर का प्रतिनिधित्व अवश्य रहा। 1991 और 1997 में बनी दोनों ही सरकारों में कानपुर से प्रेमलता कटियार और बालचंद्र मिश्रा मंत्री रहे। पिछली सरकार में सतीश महाना और दिवंगत कमलरानी वरुण को कैबिनेट में शामिल किया गया था।
यद्यपि इस बार कानपुर से एक भी विधायक को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला है लेकिन इस बार कानपुर देहात से तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया है। सिकंदरा से विधायक अजीत पाल को दोबारा मंत्री बनने का अवसर मिला है, जबकि प्रतिभा शुक्ला और राकेश सचान को भी इस बार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
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