मुजफ्फरपुर / बिफोरप्रिंट। लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग हैं प्राथमिकता ईज ऑफ डूंईंग बिजनेस के लिए 1 अप्रैल से शुरू होगा सिंगल विंडो सिस्टम मुजफ्फरपुर में एमएसएमई जागरुकता कार्यक्रम में बोले उद्योग मंत्री पटना। बिहार के ज्यादातर उद्योग एमएसएमई के दायरे में हैं।
बिहार में उद्योग क्षेत्र में तेज विकास के लिए लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग प्राथमिकता सूची में नंबर वन पर हैं। केन्द्र व राज्य सरकार दोनों का ही लक्ष्य लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग यानी एमएसएमई को मजबूती प्रदान करना है।
उक्त बातें बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने मुजफ्फरपुर में एमएसएमई विकास संस्थान पटना और एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित एक दिवसीय प्रचार एवं एमएसएमई जागरुकता कार्यक्रम में कही।
उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्योग को बढ़ावा देने हेतु सभी स्तर पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी 1 अप्रैल से बिहार में सिंगल विंडो सिस्टम कार्य करना शुरू कर देगा इससे एक ही छत के नीचे उद्योग स्थापना के लिए सारी सुविधाएं उद्यमियों एवं भावी उद्यमियों को सुलभ होगी जिससे सूबे में तेजी से विकास हो पाएगा।
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार में एमएसएसई सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए अनेकों योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की इथेनॉल पॉलिसी के तहत जो रियायतें दी गई वो भी एक तरह से बिहार में एमएसएमई को मजबूती प्रदान करने की दिशा में बेजोड़ पहल है।
कहा कि बिहार के औद्योगिकीकरण का लक्ष्य तेजी से हासिल हो सके, इसके लिए उनकी पूरी प्राथमिकता एमएसएमई सेक्टर है। उद्योग मंत्री ने कहा कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लक्ष्यों में कोशिश होती है कि एमएसएमई ईकाईयों को उत्पाद के चयन से लेकर ईकाई की स्थापना में पूरी मदद की जाए, उत्पाद के निर्माण और उसकी मार्केटिंग में भी सहयोग मिले।
अगर उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पकड़ बनाने लायक हैं तो उसके निर्यात में हर संभव मदद की जाए। इसके अलावा एमएसएमई ईकाईयों के आधुनिकीकरण से लेकर पूंजीगत सहायता उपलब्ध कराने की भी केंद्र व राज्य सरकार की अनेकों योजनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से उद्यमी रजिस्ट्रेशन, एमएसएमई चैम्पियन, प्रोक्योरमेंट व मार्केंटिंग सपोर्ट स्कीम, इंटरनेशनल को-ओपरेशन स्कीम, पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी जैसी बेहद कारगर योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिए बिहार में क्लस्टर योजना पूरी मुस्तैदी के साथ जमीन पर उतारी जा रही है और इससे बिहार के कई जिलों में अच्छे क्लस्टर तैयार हुए हैं।
जहां औद्योगिक गतिविधियां बहुत अच्छे से चल रही हैं तो राज्य के औद्योगिकीकरण के लक्ष्य में ये मददगार है। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमएसएमई मंत्रालय, एमएसएमई विकास संस्थान मुजफ्फरपुर के निदेशक प्रदीप कुमार आईईडीएस ने की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मौका है।
जिसका लाभ उठाकर उद्यमी एवं भावी उद्यमी तथा शिक्षित युवा उद्यमिता के माध्यम से स्वरोजगार अपनाकर अपना किस्मत बदल सकते हैं, साथ ही साथ वे बेरोजगारी को कम करने में भी कारगर हो सकते हैंक सरकार की योजनाओं एवं नीतियां पहले की अपेक्षा अब सरल एवं सुलभ हैं।
इस मौके पर एच पी सिंह , संयुक्त निदेशक ,एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार, डॉक्टर शेषधर पांडे, निदेशक ,राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, पटना की मुख्य प्रबंधक किरण मारिया तिरु ने, भरत अग्रवाल , उपाध्यक्ष इकअ, पटना एवं श्याम सुंदर भीम सेरिया,
भूतपूर्व अध्यक्ष लघु उद्योग भारती, बिहार, नीलकमल, अध्यक्ष , उत्तर बिहार उद्यमी संघ, मुजफ्फरपुर एवं दिनेश पासवान ऊकउउक, वाइस प्रेसिडेंट ईस्ट इंडिया ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का समापन कार्यालय के सहायक निदेशक रमेश कुमार यादव के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ ।
16 हजार युवा 5 लाख लोन व 5 लाख अनुदान के लिए चयनित
उद्योग मंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत जो राज्य में 16 हजार युवाओं को 5 लाख लोन और 5 लाख अनुदान के लिए चयनित किया गया है, ये बिहार में एमएसएमई की मजबूती के लिए बहुत बढ़िया जमीन तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना, राज्य के पीएसयू द्वारा क्ल्स्टर विकास, बिहार स्टार्ट अप नीति, मुख्यमंत्री सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्ल्स्टर विकास योजना, ऐसी कई योजनाएं हैं जिनसे बिहार में लघु, सूक्ष्म और मध्यम दर्जे के उद्योग तेजी से बढ़ रहे हैं।