नालंदा : सुपोषित किशोर, स्वस्थ परिवार की बुनियाद

नालंदा बिहार बिहारशरीफ

-उचित पोषण के लिए मौसमी फलों व सब्जियों का करें उपयोग
बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। समुदाय के विशेष वर्ग गर्भवती महिलाएं, बच्चों एवं किशोरों में कुपोषण को ख़त्म कर पोषण स्तर बढ़ाने के लिए जिला आईसीडीएस ने अपनी मुहिम तेज कर दी है। 21 मार्च से 4अप्रैल तक आयोजित पोषण पखवाड़े के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों के सहयोग से एक तरफ जहां विभिन्न पोषण गतिविधियां चलायी जा रही हैं। वहीं सामुदायिक स्तर पर किशोर-किशरियों व गर्भवतियों को एनीमिया के लक्षण और उसके प्रवंधन के प्रति जागरूक करने का कार्य भी काफी ज़ोरों शोरों से चलाया जा रहा है।

इस संदर्भ में जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस)रीना कुमारी ने जानकारी देते हुये कहा बच्चों व गर्भवतियों के पोषण के साथ-साथ अतिआवश्यक रूप से किशोर-किशोरियों के सही पोषण पर भी ध्यान देना जरूरी है। सुपोषित किशोर वर्ग ही स्वस्थ और जागरूक अभिभावक बन भविष्य में कुपोषण मुक्त समाज की नींव बनेंगे। मौसमी सब्जियों–फलों से बढ़ाए पोषण कराईपरशुराइ प्रखण्ड के आंगनवाड़ी केंद्र सबचक संख्या -25 की सेविका सुभद्रा कुमारी ने बताया कि कुपोषण से किशोरों को बचने के लिए आवश्यक नही है कि आप महंगे फलों एवं टॉनिको का सहारा ले।

किशोर एवं किशोरियों के बढते शरीर के लिये आवश्यक प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट एवं अन्य तत्वों जैसे आयरन, कैल्शियम आदि की पूर्ति के लिए उन्हें मौसमी फलों एवं सब्जियां के उपयोग से भी कुपोषण से दूर रख सकते हैं। वैसे हमारे मुख्य आहार में शामिल अनाजों पर भी ध्यान देते हुए काफी हद तक कुपोषण को मिटाया जा सकता है, जैसे किशोरों के बढते शरीर के लिये आवश्यक प्रोटीन के लिए उनके आहार में रोटी, दाल, पोलर्टी, मछली, अंडा आदि को शामिल करना चाहिये, वहीं दही, पनीर आदि दूध के उत्पादों को किशोरों एवं किशोरियो के आहार में शामिल होने से उनके शारीरिक-मानसिक विकास के लिए आवश्यक प्रोटीन एवं वसा दोनों की आपूर्ति की जा सकती है।

किशोर एवं किशोरियों के बढते शरीर के लिये आवश्यक तत्व जैसे आयरन, कैल्शियम आदि की पूर्ति के लिए उन्हें मौसमी फल जैसे गाजर, केला, संतरा आदि निश्चित रूप से दे, उनकी इस अवस्था में इन सभी चीजों की कमी न होने दें। इन सब में से कुछ फल ऐसे भी होंगे जो स्थानीय उत्पाद होंगे और सस्ते एवं सुलभ उपलब्ध होंगे। जिनके उपयोग करने से हम किशोरों एवं किशोरियों को कुपोषण मुक्त कर सकते हैं। जैसे वर्तमान समय में सस्ते एवं सुलभ उपलब्ध गाजर इसका मुख्य उदाहरण है।

अंकुरित अनाज करे पोशाक तत्वों की पूर्ति रीना कुमारी ने बताया अंकुरित चीजें जैसे चना, मूँग आदि का सेवन भी किशोरों को उनके इस अवस्था के दौरान अवश्य कराना चाहिए, इससे उन्हें काफी फायदा होगा और उनके शारीरिक-मानसिक विकास के लिए आवश्यक सुझ्म पोषक तत्वों की पूर्ति होती रहेगी। यहां तक कि इन सब चीजों के लिए उन्हें कहीं और जाने की जरूरत नहीं है ये सभी चीज उनके घरों में रहतीं हैं आवश्यकता बस इतनी है कि इन सब चीजों का उपयोग समय रहते किशोर एवं किशोरियों के कुपोषण दूर करने के लिए किया जाय। इसके अलावा गाजर के सेवन से किशोर एवं किशोरियां को कुपोषण के मुख्य कारण खून की कमी से बचाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें…