सेंट्रल डेस्क/प्रतिनिधि । सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं इस याचिका में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से लेकर SIT को देने की बात की गई थी। जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल की अगुवाई वाली बेंच ने बांबे हाइ कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है।
इसमें महाराष्ट्र सरकार ने अपनी याचिका में गृहमंत्री देशमुख के मामले की जांच विशेष जांच ब्यूरो से कराने की मांग की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार, उस वक्त CBI के मौजूदा निदेशक महाराष्ट्र पुलिस फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे और सीधे तौर पर पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति व स्थानांतरण से जुड़े फैसले लिया गया था। इसलिए उचित तरीके से जांच नहीं हो सकता है।
वहीं देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मानने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं कि अनिल देशमुख मनी लांड्रिंग के मामले में शामिल थे। उन्होंने कहा कि गवाहों के बयानों में विरोधाभास हैं, लेकिन इस स्तर पर (जमानत याचिका पर) इस पर विचार नहीं किया जा सकता है। यह देशमुख की पहली नियमित जमानत याचिका थी।
इससे पहले, विशेष अदालत ने तकनीकी आधार पर दायर उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मनी लांड्रिंग के एक मामले में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता देशमुख वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि जब देशमुख गृह मंत्री थे तब उन्होंने मुंबई के कुछ चुनिंदा पुलिस अधिकारियों को रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था। हालांकि देशमुख ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था। सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच के बाद देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।