नवादा/पंकज कुमार सिन्हा। शुक्रवार को जैन समाज के मुनि प्रमाणसागर जी महाराज और अरह सागर जी महाराज नवादा पहुंचे। नवादा के अस्पताल रोड स्थित दिगंबर जैन मंदिर में जैन समाज से जुड़े महिलाओं व पुरुषों ने उनका भव्य स्वागत किया। उन्होंने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि जिस तरह से बिना नीब का कोई मकान खड़ा नहीं हो सकता है उसी तरह से बिना किसी धार्मिक ज्ञान के मनुष्य का जीवन व्यर्थ है।
उन्होंने कहा कि आप सब कुछ करते हैं, परंतु धार्मिक ज्ञान नहीं है तो आपका जीवन व्यर्थ है। इस जीवन में धर्म का ज्ञान भी बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि मैं तीसरी बार नवादा पहुंचा हूं। पहली बार वर्ष 2007 में, दूसरी बार वर्ष 2011 में तथा तीसरी बार वर्ष 2022 में आया हूं। यहां आकर काफी सुखद अनुभूति होती है। उन्होंने गुणावां जी की चर्चा की, जहां 23वें तीर्थंकर गंधर गौतम स्वामी से जुड़ी बातें हैं।
उन्होंने जैन समाज के भीतर अंदरूनी कलह पर चिंता जताई तथा कहा कि यह तो बेकार की बातें हैं। भगवान की सेवा करने के लिए लोगों को प्रशासन का सहयोग लेना पड़ रहा है। विगत 11 वर्षों से यह जैन मंदिर प्रशासन के अधीन चल रहा है जो कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि आपसी विवाद को बैठकर सुलझाया जा सकता है। नवादा का जैन समाज अगर चाह लें तो यह दिगंबर जैन मंदिर भव्य मंदिर बन सकता है।
इस मौके पर अरह सागर जी महाराज ने भी लोगों को प्रवचन दिया तथा अपने आशीर्वचनों से सबको स्नेहिल किया। वे पावापुरी जाने के क्रम में नवादा में पूरे दिन रुके तथा जैन समाज के लोगों से मुलाकात की। इस मौके पर मनोज जैन, सुनील जैन, विकास जैन, लड्डू जैन, विजय जैन, अजय जैन सहित जैन समाज की विभिन्न महिला पुरुषों ने प्रमाण सागर जी महाराज और अरह सागर जी महाराज का भव्य स्वागत कर उनका आशीर्वचन लिया।
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