-बैंकों को विभिन्न उद्यमियों एवं व्यवसायियों को क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए आगे आना होगा: डीएम
बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। पुआल से पशुचारा तैयार करने (बिचाली) का व्यवसाय जिला में बड़े स्तर पर किया जा रहा है। इस व्यवसाय को और भी व्यवस्थित एवं व्यापक स्वरूप में बढ़ावा देने के लिए व्यवसायियों को क्रेडिट सुविधा की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से जिला में बिचाली व्यवसाय एवं कृषि की अन्य सहयोगी गतिविधियों यथा-मत्स्य पालन, डेयरी, मशरूम उत्पादन आदि से जुड़े व्यवसायियों के साथ बैंकिंग संस्थानों के एक दिवसीय समागम का आयोजन स्थानीय टाउन हॉल में किया गया।
इस समागम का शुभारंभ जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलन कर किया। उपस्थित व्यवसायियों को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि जिला में बैंकों का साख जमा अनुपात लगभग 36 प्रतिशत है जबकि राज्य का साख जमा अनुपात लगभग 40 प्रतिशत है। अन्य राज्यों में बैंकों का साख जमा अनुपात 50 प्रतिशत से ज्यादा रहता है। जिला में बैंकों को विभिन्न उद्यमियों एवं व्यवसायियों को क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए आगे आना होगा। विशेष रुप से कृषि एवं सहयोगी गतिविधियों के लिए क्रेडिट सुविधा के लिए बैंक को उदारता पूर्वक काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिचाली उद्योग को बढ़ावा मिलने से पराली जलाने के मामले भी कम होंगे तथा किसानों को अतिरिक्त आय भी होगी। बेहतर क्रेडिट सुविधा मिलने से व्यवसायी आवश्यक मशीनरी के साथ-साथ भंडारण हेतु गोदाम का निर्माण भी कर सकेंगे। इससे व्यवसाय के बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज में बढ़ावा मिलेगा। व्यवसाई किसानों से पुआल उपलब्ध कराने के लिए अग्रिम इकरारनामा कर सकते हैं। जब किसानों को पता होगा कि पुआल से कितनी आमदनी होगी तो वह निश्चित रूप से पराली जलाने के बजाय इसे व्यवसायियों को उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने कहा कि गेहूं के भूसा व्यवसाय को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उप विकास आयुक्त ने भी इस समागम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यवसायियों को क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध होने से पराली जलाने के मामले कम होंगे। उन्होंने सभी बैंक को कृषि एवं सहयोगी गतिविधियों के लिये उदारता पूर्वक क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में कृषि एवं सहयोगी गतिविधियों के लिए एनुअल क्रेडिट प्लान में लगभग 2300 करोड रुपए क्रेडिट का लक्ष्य निर्धारित है।
जिसके विरुद्ध अब तक मात्र 1100 करोड़ का ऋण कृषि क्षेत्र में बैंकों द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी उपस्थित व्यवसायियों से उनके व्यवसाय एवं आवश्यकता के संबंध में विहित प्रपत्र में जानकारी प्राप्त की जा रही है। इसे जिला स्तर पर संकलित किया जाएगा तथा इसका नियमित अनुश्रवण किया जाएगा। इससे पहले जिला कृषि पदाधिकारी एवं जिला अग्रणी प्रबंधक द्वारा आज के समागम के उद्देश्य एवं क्रेडिट सुविधा की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। आज के समागम में टाउन हॉल परिसर में विभिन्न बैंकों द्वारा अलग-अलग स्टॉल लगाया गया।
व्यवसाईगण संबंधित बैंक के स्टाल में जाकर क्रेडिट सुविधा के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। कार्यक्रम में व्यवसायियों से भी उनकी आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली गई। हरनौत के चौरिया निवासी संतोष कुमार द्वारा बताया कि उनके द्वारा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद खेती के साथ-साथ डेयरी एवं मत्स्य पालन का व्यवसाय किया जा रहा है। व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट मिलने में उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बैंकों द्वारा सिक्योरिटी के रूप में व्यवसायिक प्रकृति के भूमि का दस्तावेज मांगा जाता है।
जबकि उनके पास कृषि भूमि उपलब्ध है। इस मामले में जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए कहा कि उनके स्तर से इस समस्या के समाधान के लिए सक्षम स्तर पर पहल की जाएगी।अन्य लोगों द्वारा भी अपनी समस्याओं एवं आवश्यकताओं के बारे में जानकारी दी गई। आज के कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने गौसनगर सरमेरा निवासी विभा सिन्हा को उनके द्वारा संचालित कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कंबाइन हार्वेस्टर के चाबी की प्रतिकृति भेंट की।
उनके द्वारा बैंक के माध्यम से अनुदानित ऋण लेकर कंबाइन हार्वेस्टर का क्रय किया गया है। आज के समागम कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त, वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग, जिला कृषि पदाधिकारी, पीडी आत्मा, जिला अग्रणी प्रबंधक, डीडीएम नाबार्ड, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र सहित पशुचारा एवं कृषि के अन्य सहयोगी गतिविधियों से संबंधित व्यवसाईगण उपस्थित थे।
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