-प्राप्त स्पष्टीकरण के आधार पर आगे के अनुशासनिक कार्रवाई
बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। एक प्राप्त परिवाद पत्र में राजगीर के पंडितपुर मौजा में रेलवे विभाग की भूमि का अवैध रूप से खरीद बिक्री किए जाने की शिकायत समाहर्ता को प्राप्त हुआ। समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी द्वारा इसकी गहन जांच भूमि सुधार उप समाहर्ता राजगीर के माध्यम से कराई गई। भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किया गया कि पंडित पुर मौजा के थाना संख्या-475, खाता संख्या-97, खेसरा संख्या-957 में वर्णित भूमि को रेलवे द्वारा भू-अर्जन के माध्यम से तत्कालीन रैयत से अधिग्रहित किया गया था।
18 मई 2016 को जमाबंदी संख्या 154 के द्वारा रेलवे द्वारा अधिग्रहित प्रश्नगत भूमि की जमाबंदी प्रसादी महतो के नाम से कायम कर भूमि का लगान रसीद निर्गत किया गया। इस कार्य के लिए तत्कालीन अंचल अधिकारी मृत्युंजय कुमार एवं तत्कालीन राजस्व कर्मचारी सुधीर कुमार दोषी प्रतीत होते हैं। जमाबंदी कायम होने के बाद जमाबंदी रैयत के वंशजों द्वारा प्रश्नगत भूमि की बिक्री विभिन्न लोगों को की गई। निबंधित केवाला एवं कायम जमाबंदी के आधार पर वर्तमान राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन के आधार पर वर्तमान अंचलाधिकारी द्वारा प्रश्नगत भूमि का दाखिल खारिज किया गया।
जबकि उक्त भूमि रेलवे विभाग की है। इस संबंध में समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने अंचल अधिकारी राजगीर संतोष कुमार चौधरी एवं राजस्व कर्मचारी संजय कुमार से बिंदुवार स्पष्टीकरण 10 दिनों के अंतर्गत समर्पित करने का निर्देश दिया है। उनसे पूछा गया है कि किस परिस्थिति में विभागीय निर्देशों एवं भूमि अधिनियमों की अवहेलना करते हुए उनके द्वारा उक्त कार्य किया गया है। प्राप्त स्पष्टीकरण के आधार पर आगे की अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
राजगीर से संबंधित एक अन्य मामले में विधानसभा के एक माननीय सदस्य द्वारा हस्ताक्षरित याचिका के माध्यम से जिला परिषद की जमीन पर जमाबंदी कायम कर दिए जाने से संबंधित प्रश्न पूछा गया। समाहर्ता द्वारा इस मामले की जांच अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता राजगीर द्वारा संयुक्त रुप से कराई गई। दोनों पदाधिकारियों द्वारा समर्पित संयुक्त जांच प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किया गया कि राजगीर मौजा के थाना संख्या-485, खाता संख्या-234, खेसरा संख्या-5214 में वर्णित भूमि जिला परिषद को तत्कालीन खतियानी रैयत से भू-अर्जन के द्वारा प्राप्त हुआ था।
बाद में एक रैयत के नाम कायम जमाबंदी में अन्य भू-खंडों के साथ साथ प्रश्नगत भूमि को भी अंकित कर दिया गया है। इसी जमाबंदी के तहत प्रश्नगत भूमि की ऑनलाइन जमाबंदी 18 रैयत के नाम से वर्तमान में कायम कर दी गई है। 2017-18 से ही जिला परिषद कार्यालय द्वारा अंचल कार्यालय राजगीर के साथ पत्राचार किया गया। इस मामले में अतिक्रमण वाद से संबंधित कोई कार्रवाई अंचल अधिकारी राजगीर द्वारा नहीं की गई एवं उक्त भूमि पर कुल 18 जमाबंदी भी कायम कर दिया गया।
राजस्व कर्मचारी के रूप में सुधीर कुमार 2014 से 2021 तक कार्यरत रहे। उसके बाद वर्तमान अंचलाधिकारी संतोष कुमार चौधरी एवं वर्तमान राजस्व कर्मचारी संजय कुमार के कार्यकाल में भी चार जमाबंदी कायम की गई। इस संबंध में समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने वर्तमान अंचलाधिकारी एवं वर्तमान राजस्व कर्मचारी से 10 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उनसे पूछा गया है कि किन परिस्थितियों में विभागीय निर्देशों एवं भूमि अधिनियमों की अवहेलना करते हुए उनके द्वारा उक्त कार्य किया गया है। प्राप्त स्पष्टीकरण के आधार पर आगे के अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
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