कानपुर/भूपेंद्र सिंह : कोरोना संक्रमण की चौथी लहर को लेकर केंद्र सरकार गंभीर दिखाई दे रही है। तभी सरकार ने 18 साल के ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज लगाने के आदेश दिए है। सरकार ने प्राइवेट सेंटरों पर भी 18-59 वर्ष के लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाने के आदेश कर दिए है लेकिन ऐसा कानपुर शहर में नहीं होगा।
शहर के अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए है और यही वजह है कि शहर में कहीं भी प्राइवेट सेंटर हो या फिर नर्सिंग होम, हैं भी बूस्टर डोज नहीं लगेगी। शहर की नर्सिंग होम एसोसिएशन के साथ-साथ आईएमए ने भी साफ कर दिया है कि पहले सरकार कोविशील्ड और कोवैक्सीन के प्राइवेट नर्सिंग होम में लगने के रेट तय करे उसके बाद ही हम लोग इस आदेश पर अमल करेंगे, साथ ही सरकार को सर्विस चार्ज और जीएसटी भी तय करना होगा, तभी बूस्टर डोज पर विचार किया जाएगा।अभी तक गाइडलाइन्स नहीं मिली।
शहर के अपर निदेशक स्वास्थ्य कानपुर जोन के डॉ जीके मिश्र ने बताया, हम लोगों को सरकार की तरफ से बूस्टर डोज लगाने के लिए आर्डर जारी कर दिए गए है लेकिन अभी तक कोई गाइडलाइन्स नहीं दी गई है। इसी वजह से शहर में बूस्टर डोज लगाने पर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पा रहा है। इस बारे में जब नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रेजिडेंट डॉ एके सरावगी से बात की तो उन्होंने बताया, बूस्टर डोज के लिए न तो केंद्र और नाही राज्य की तरफ से कोई गाइडलाइन हम लोगों के लिए जारी है। ऐसे में ने तो रेट तय है इस लिहाज से हम लोगों ने फैसला किया है कि रविवार को हम लोग बूस्टर डोज नहीं लगाएंगे। अब तक क्या है प्रोसीजर… स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 60 पार बुजुर्ग और फ्रंटलाइन वर्करों को ही दूसरी डोज के नौ महीने बीत जाने के बाद बूस्टर डोज मुफ्त लगाई जाएगी। इसके अलावा 18-59 साल के लोगों को इसके लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी।
शुक्रवार को कोविशील्ड की बूस्टर डोज के दाम 600, जीएसटी और 150 रुपये सेवा शुल्क तय किया गया था लेकिन शनिवार को 225 रुपये और सेवा शुल्क 150 रुपये तय कर दिया गया, हांलाकि यह अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। साथ ही इसके लिए रेट का कोई पत्रक भी स्वास्थ्य विभाग और नर्सिंग होम संचालकों को नहीं मिला। पिछले साल हुआ था 20 से 25 लाख का नुकसान शनिवार शाम हुई नर्सिंग होम एसोसिएशन की वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जब तक सरकार रेट और गाइडलाइन्स तय नहीं करती तब तक हम लोग वैक्सीन लगाने के कार्य को आगे नहीं बढ़ाएंगे क्योंकि पिछले साल वैक्सीन लगाने के चक्कर में ही नर्सिंग होम वालों का करीब 20 से 25 लाख का नुकसान हो गया था। इसके अलावा वैक्सीन की भी काफी बर्बादी हुई थी क्योंकि यह वैक्सीन कंपनी वालों ने वापस लेने से भी इंकार कर दिया था।
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