मोतिहारी/दिनेश कुमार। दशम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश सिंह ने जमीनी विवाद को लेकर हुई हत्या मामले में नामजद नौ अभियुक्तों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व प्रत्येक को 40-40 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
अर्थदंड की राशि वसूल पाए जाने पर उक्त राशि मृतक की विधवा या विधिक उतराधिकारी को दी जाएगी। सजा तुरकौलिया थाना के बेलवाराय टोला नरियारवा निवासी रूपलाल हजरा, रामनाथ हजरा, बालदेव हजरा, रामाधार हजरा , चुल्हाई हजरा, सिपाही हजरा, पुलिस हजरा, सुदीम हजरा व ठाकुर हजरा को हुई। मामले में स्थानीय निवासी सखिचंद्र हजरा ने अपने पुत्र नंदलाल हजरा के पीट पीट कर हत्या कारित करने को लेकर नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध तुरकौलिया थाना कांड संख्या-170/1983 दर्ज कराया था।
जिसमें कहा था कि 17 नवंबर 1983 की सुबह 8 बजे नामजद लोग सूचक के खेत को डरेर तोड़ दिए। जब सूचक इसका विरोध किया तो नामजद लोग हरवे हथियार से मारपीट करने लगे। मारपीट में धारदार हथियार लगने से उसके पुत्र नंदलाल हजरा की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। वहीं सूचक, उसका पुत्र शंभू हज़रा, प्रभु हजरा एवं घर की महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसका ईलाज सदर अस्पताल मोतिहारी में किया गया। सत्रवाद 11/1986 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक मोहन ठाकुर व सहायक अधिवक्ता श्रीमती कृष्णा सिंह ने 11 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए धारा 323,302,341,149 भादवि में दोषी पाते हुए 38वर्ष पुराने मामले को निष्पादित करते हुए उक्त सजा सुनाए। कारागार में बिताए अवधि को समायोजन सज़ा की अवधि में होगी।