स्टेट डेस्क/पटना। जीतन राम मांझी ने गरीब चेतना सम्मेलन को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी दल के नेता विधायक, सांसद ,मंत्री सबको शिक्षा एक समान को लेकर बोलना नही चाहता है।
बाबा साहब का नाम लेकर केवल राजनीति करने का काम किया जाता है किसी दल का नेता सबको शिक्षा एक समान देने पर कोई काम नही करता है लेकिन अब हम सब इसको लेकर काम करेंगे आज के समय मे। दो ही जाति है गरीब और अमीर हम अब जीवन के अंतिम पड़ाव पर है लेकिन जब तक सांस है तब तक इसकी आवाज बुलंद करेंगे।
हम सब एनडीए के घटक दल है और 1960 के दशक में सरकारी सेवा में 60% सरकारी नौकरी में आरक्षण के लाभ मिलता था लेकिन अब निजीकरण का दौर आ गया है एयरप्लेन,रिफायनरी सभी का निजीकरण हो गया है लेकिन निजी नौकरी में भी आरक्षण देने की जरूरत है इसलिए हम सब मांग करते है निजी नौकरी में भी आरक्षण देने की जरूरत है तब ही हम सबका विकास हो सकेगा।
आगे जीतन राम मांझी ने कहा कि न्यायपालिका में आरक्षण की व्यवस्था नही है अनुसूचित जनजाति के लोग को इसका लाभ नही मिलता है कुछ परिवार के लोग के चहेते ही ज़ज बनते है।
कहां भाजपा की यह गलती थी टिकट एनडीए को ही मिलना चाहिए था। मुसाफिर पासवान वहां से विधायक थे हम लोग समझ रहे थे पहले से ही की वजह से अमर पासवान जीत सकते हैं यह सब जानने के बावजूद भाजपा नया एक्सपेरिमेंट कर रहा था। सरकारी विद्यालय के भवन बन गए है लेकिन शिक्षा क्या है सभी जानते है सरकारी स्कूल की क्या दशा है सभी जानते है। कम्प्यूटर है लेकिन उसको पढ़ाने वाले टीचर नही है गरीब के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते है और क्या शिक्षा दी जा रही है सब जानते है।
आगे उन्होंने कहा कि आरक्षण हम सबको भीख में मिला है समाज के एकरूपता नही है एक समान वेवस्था नही हो रहा है शासक वर्ग के लोग के कारण गरीब आज शोषित स्थिति में है।
यह भी पढ़े…