उरई/बीपी प्रतिनिधि : अजान के समय लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चलीसा का पाठ कराने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने एक संत के विरुद्ध शांति भंग की कार्रवाई की है। कार्रवाई से भड़के संत ने सिटी मजिस्ट्रेट और कोतवाली पुलिस के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर कड़ी धूप में गांधी चबूतरे में आमरण अनशन शुरू किया है। संत का आरोप है कि बगैर जांच कराए ही कार्रवाई की गई।
उनका कहना है कि आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। संत का कहना है कि स्टेशन रोड में मस्जिद के सामने मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ कराया गया था लेकिन किसी प्रकार से लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया गया था। सिटी मजिस्ट्रेट और कोतवाली पुलिस ने बगैर जांच किए कार्रवाई की है जो संत समुदाय की भावनाओं को आहत करती है। संत ने जिम्मेदार अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई न होने तक आमरण अनशन जारी रखने की चेतावनी दी है।
धूप में बैठे संत को मनाने कोतवाली प्रभारी शिव कुमार राठौर मौके पर पहुंचे। संत से काफी मान मनौव्वल की लेकिन वह माने नहीं। मोहल्ला तुलसी नगर निवासी संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने 19 अप्रैल को स्टेशन रोड पर मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा का पाठ कराया था। इन आरोपों में उनके विरुद्ध शांति भंग की कार्रवाई की गई। संत का कहना है कि उन्होंने लाउडस्पीकर लगाकर पाठ नहीं कराया था। इसके बाद भी किसी ने इसकी झूठी शिकायत सिटी मजिस्ट्रेट से कर दी। जिसके बाद उनको नोटिस देकर शांति भंग की कार्रवाई की गई। इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके विरोध में संत मत्स्येंद्र ने गांधी चबूतरे पर आमरण अनशन कर मुख्यमंत्री, डीएम, डीजीपी, पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह आमरण अनशन करते हुए गांधी चबूतरे में बैठे रहेंगे। उधर कोतवाली प्रभारी शिव कुमार राठौर ने बताया कि शिकायत मिली थी उसी आधार पर कार्रवाई की गई है। अफसरों को रिपोर्ट भेजी गई है। संत को समझाया जा रहा है