कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। चाइल्ड ट्रैफकिंग को रोकने एवं घर से पलायन हुए बच्चों को मुसीबत से बचाने के लिए आज रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर, बालसेवी संस्था सुभाष चिल्ड्रन सोसायटी कानपुर नगर, अनवरगंज स्टेशन अधीक्षक, अनवरगंज रेलवे स्टाफ व जीआरपी अनवरगंज की संयुक्त बैठक अनवरगंज अधीक्षक कार्यालय में संपन्न हुई।
बैठक का आरंभ रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर के कार्यकर्ताओं द्वारा अनवरगंज स्टेशन अधीक्षक आरएनपी त्रिवेदी का स्वागत कर एवं सभी के समक्ष रेलवे चाइल्ड लाइन की गतिविधियों को रखकर किया गया। बैठक के दौरान रेलवे चाइल्ड लाइन के निदेशक कमल कांत तिवारी ने बताया कि अभी भी बच्चों का घर से बिना बताए पलायन करने का सिलसिला थम नहीं रहा है।
प्रतिदिन रेलवे चाइल्ड लाइन के संपर्क में दो से तीन बच्चे आ रहे हैं। रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर इन बच्चों को बचाने हेतु 24 घंटे तत्पर है। इसी दौरान अनवरगंज रेलवे स्टेशन अधीक्षक आरएनपी त्रिवेदी ने बताया कि बच्चों के घर से पलायन का सबसे मुख्य कारण इंटरनेट है। बच्चे मोबाइल के माध्यम से कुछ अनैतिक चीजें देखते हैं, सुनते हैं और उसका अनुसरण करके ही बच्चे गलत रास्ता अपनाते हैं।
और यह तब होता है जब पैरंट्स अपने बच्चों को समय नहीं देते हैं। उनसे बात नहीं करते हैं। अगर रेलवे चाइल्ड लाइन के संपर्क में कोई बच्चा आए तो बच्चों के साथ-साथ परिजनों की भी काउंसलिंग की जाए, जिससे वह बच्चों पर ध्यान दें और दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें। रेलवे का समस्त स्टाफ बच्चों की मदद के लिए रेलवे चाइल्ड लाइन कानपुर की हरसंभव मदद करेगा। साथ ही बच्चों की ट्रैफकिंग को रोकने हेतु हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा।
इसमें हमको आरपीएफ एवं जीआरपी का सहयोग भी मिलेगा, जिससे हम ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही कर सकेंगे और बच्चों को बचा सकेंगे। बैठक के दौरान चाइल्ड ट्रैफकिंग रोकने हेतु योजना बनाई गई ताकि यह योजना लागू करके हम अधिक से अधिक बच्चों की मदद कर सके संयुक्त रूप से चर्चा की गई।
बैठक के दौरान रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक गौरव सचान ने बताया कि रेलवे चाइल्ड लाइन के समस्त स्टाफ के साथ रात और दिन आउटरीच की जाती है और संपर्क में आने वाले बच्चों की तुरंत मदद की जाती है। बाल कल्याण न्याय पीठ के आदेश अनुसार ही बच्चों को सही सलामत परिजनों के सुपुर्द किया जाता है।
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साथ ही सभी से अपील की गई कि अगर किसी को कोई भी मुसीबत में फंसा हुआ आय अपने घर से भागा हुआ या किसी के द्वारा सताया हुआ बीमार, अनाथ, बाल मजदूर या अकेला बच्चा मिले तो उसकी मदद के लिए चाइल्ड लाइन के निशुल्क नंबर 1098 पर सूचना दें, ताकि बच्चे की समय रहते त्वरित रूप से मदद की जा सके।