कानपुर : जर्नलिस्ट क्लब की मांग पर डीजीपी ने आईजी को सौंपी पत्रकार प्रकरण की जांच

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कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। पत्रकार चन्दन जयसवाल का प्रकरण कानपुर जर्नलिस्ट क्लब ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री मुकुल गोयल के समक्ष जोरदारी से उठाया। पत्रकार के साथ पुलिस की बेचा घिनोनी हरकत से डीजीपी को अवगत कराते हुए अविलंब सख्त कार्यवाही की मांग की।

क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी और सँयुक्त मन्त्री आलोक अग्रवाल ने घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा ये घटना मध्यप्रदेश के घटना से आगे जाकर पुनरावृत्ति होना बेहद आपत्तिजनक है। घटना में दोषी पुलिस कर्मियों पर तत्काल कार्यवाही की मांग की, जिस पर डीजीपी ने कानपुर जर्नलिस्ट क्लब की इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बक्शा नही जायेगा।

उन्होंने तत्काल घटना की पूरे मामले की जाँच कानपुर रेंज के आईजी प्रशान्त कुमार को सौंप दी और जाँच में दोषी पाए जाने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेश दिए। गौरतलब है कि 19 अप्रैल को रात्रि में महराजपुर थाना पुलिस द्वारा कानपुर नगर निवासी व उत्तर प्रदेश/उत्तराखण्ड में प्रसारित एक टीवी चैनल के पत्रकार का आपत्तिजनक नग्न वीडियो बनाया गया, वीडियों में टीवी चैनल के पत्रकार के गले में टीवी चैनल का आई कार्ड दिख रहा है और शरीर में कपड़ों के नाम पर सिर्फ मोजे व जूते दिख रहे हैं।

वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी पत्रकार से नग्नावस्था में ही परिचय पूंछ रहे हैं जबकि किसी भी तरह की पूंछतांछ तो कपड़े पहनाने के बाद भी की जा सकती थी। वायरल वीडियो में महाराजपुर थाने की पुलिस मौजूद है ( मौके पर थाना महराजपुर की चौकी इंचार्ज कुलगाँव प्रद्युम्न सिंह, नाईट अफसर कृष्ण कांत, एसओ सतीश राठौर सिपाही अमोल तिवारी समेत अन्य पुलिस कर्मी मौजूद थे) यह वीडियो थाने के पुलिसकर्मियों ने ही बनाया।

वीडियो बनाने के बाद पत्रकारिता जगत को बेइज्जत करने व पत्रकार को जलील करने के उद्देश्य से ही सुनियोजित तरीके से उसे अपने कारख़ासो के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर दिया है। उससे पत्रकार जगत में भारी आक्रोश है। जानकारी होने पर कानपुर जर्नलिस्ट क्लब ने उक्त प्रकरण का कड़ा विरोध जताते हुए पूरे मामले को शासन स्तर पर उठाया।

जिसके बाद कानपुर आउटर एसपी अजित कुमार सिन्हा ने महराजपुर थाने के एक सिपाही को लाइन हाज़िर करने के साथ ही इस मामले की जाँच सीओ को सौंपकर तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया था। आउटर पुलिस की खानापूर्ति वाली कार्यवाही से जर्नलिस्ट क्लब संतुष्ट नही था लिहाजा आज आउटर पुलिस के एक प्रोग्राम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने आए डीजीपी के सामने इस मामले को रखकर कार्यवाही की मांग की।

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क्या ऐसे वीडियो को बनाकर सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल कर देने के पीछे कोई सम्मानपत्र मिलना तय है या फिर किसी के इशारे पर ऐसा किया गया ? मामला कुछ भी हो लेकिन एक पत्रकार का वीडियो बनाकर जिस तरह से वायरल किया गया है उससे पत्रकार जगत में भारी आक्रोश है। कानपुर जर्नलिस्ट क्लब उसकी घोर निन्दा करता है और इस कृत्य को अन्जाम देने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग करता है।