बिहार में गहराया बिजली संकट, 13 सौ मेगावाट तक की कमी

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स्टेट डेस्क: गुरुवार को बिहार में पीक आवर में बिजली संकट बड़े स्तर पर दिखा। 12 सौ से 14 सौ मेगावाट तक की कमी हो गयी। संकट यह है कि पावर एक्सचेंज में बिजली नहीं रहने की वजह से यह संकट और गहरा गया। इस वजह से फीडर को रोटेशन पर चलाया जा रहा।

इस कारण गांव व शहरी क्षेत्र में छह से आठ घंटे तक बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। पांच दर्जन ग्रिडों के लोड शेडिंग पर रखे जाने की सूचना है।  वैसे उम्मीद कि शुक्रवार तक स्थिति सामान्य होगी। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि नवीनगर बिजली उत्पादन इकाई से बिजली मिलने लगेगी तो स्थिति ठीक हो जाएगी।

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार पीक आवर में बिजली की मांग 62 सौ से 63 सौ मेगावाट तक पहुंच रही है। आपूर्ति रात आठ बजे 49 सौ मेगावाट की थी। एनटीपीसी द्वारा 47 सौ मेगावाट की आपूर्ति हो रही है। एनटीपीसी की कहलगांव की एक यूनिट बंद होने से परेशानी थी। यह यूनिट देर शाम चालू हो गयी है। बाढ़ की एक यूनिट भी कल तक लाइटअप हो जाने की उम्मीद है।

बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने बताया कि पावर एक्सचेंज में बिजली की अनुपलब्धता का स्थिति यह है कि बिजली ने बुधवार को पंद्रह सौ मेगावाट बिजली के लिए बिड किया था पर मात्र नौ मेगावाट बिजली ही उपलब्ध हो सकी। एक दिन छह सौ मेगावाट का बिड हुआ तो 29 मेगावाट बिजली मिली।