कानपुर, बीपी प्रतिनिधि। छोटी ईद के लिए ईदगाह और मस्जिदों में तैयारियां पूरी हो गईं है। इसके पहले शब-ए-कद्र पर गुरुवार को घरों व मस्जिदों में रात भर इबादत की गई। लोगों ने अपने गुनाहों से तौबा की साथ ही पुरसुकून जिंदगी की व इबादत कबूल होने की दुआ की।
रमजान के आखिरी अशरे की ताख (विषम) रातों में शब-ए-कद्र होती है। रमजान की 27वीं तारीख को बहुत सवाब देने वाला माना जाता है। शब-ए-कद्र में इबादत का सवाब हजार महीनों में इबादत किए जाने से भी ज्यादा होता है। यही वजह है कि शब-ए-कद्र पर रोजेदार पूरी रात जागकर इबादत करते हैं। दूसरी ओर शुक्रवार को अलविदा की तैयारियां शुरू हो गईं। मसजिदों में धूप से बचाने के लिए कनातें लगने लगीं।
जुमे रात से ही अलविदा जुमा को लेकर दिनभर मस्जिदों और ईदगाहों में तैयारी होती रही। रमजान का आखिरी जुमा होने से मस्जिदों में रोजेदारों की भीड़ लाजमी है, इसको देखते हुए तमाम जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए गये हैं। मस्जिद भरने पर लोग बाहर नमाज अदा करेंगे। धूप से बचाने के लिए तंबू और कनात लगाए गए हैं।
इस बार समय से चांद दिख गया तो ईद दो तारीख को होगी। वरना तारीख तीन हो सकती है। चांद के दिखते ही रमजान का यह महीना खत्म हो जाएगा।
ईद से पहले आखिरी जुमा की नमाज के लिए व्यवस्थाएं कर ली गईं हैं। तलाक महल, यतीम खाना, बेकनगंज, मछरिया, चमनगंज और हरबंश मोहाल समेत शहर की सभी मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ रहेगी।