पटियाला/स्टेट डेस्क। पटियाला में शिवसेना बाल ठाकरे के खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के विरोध में कुछ सिख युवकों ने भी मार्च निकाला। उन्होंने शिव सैनिकों से अभद्रता करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए। तभी अचानक से काली माता मंदिर के पास स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब दोनो ओर से पत्थर चलने लगे। तलवारें भी चल गईं।
घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर आ रही है। जिसमें एक थाने का दारोगा व कुछ प्रदर्शनकारी शामिल हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन घायलों की संख्या के बारे में कुछ भी खुलकर कहने से कतरा रहा है। शाम को प्रशासन ने कोई नया बवाल न हो इस बात के मद्देनजर शहर में रात सात बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू का ऐलान कर दिया।
शुक्रवार को दोपहर काली माता मंदिर के पास हिंदू और सिख संगठनों में भिड़ंत से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। दोनों गुटों की ओर से पत्थरबाजी होने लगी। कुछ युवकों ने तलवारें निकाल लीं। मौके को काबू करने के लिए वरिष्ट पुलिस अधीक्षक ने पहुंचकर 15 राउंड हवाई फायर करवा दिया। इस दौरान एक हिंदू नेता और थाना त्रिपड़ी के एसएचओ कर्मवीर सिंह तलवार लगने से घायल हो गए। खबर लिखे जाने तक शांति व्यवस्था कायम तो हो गई पर इसमें पुलिस को प्रशासन को पसीने आ गए।
दोपहर करीब तीन बजे सिख संगठनों के सदस्यों ने शहर के फव्वारा चौक पर धरना शुरू कर दिया। उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बताया कि फिलहाल मामले पर काबू पा लिया गया है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। टि्वटर के जरिये मान ने घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ‘इलाके में शांति बहाल कर दी गई है। हम किसी को भी प्रदेश में अशांति पैदा नहीं करने देंगे। शांति और सद्भाव सबसे जरूरी है।’
दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और सहित विभिन्न सियासी दलों के नेताओं ने घटना की निंदा की है। आइजी पटियाला रेंज राकेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल शांति कायम हो गई है। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की है। झड़प में कितने लोग घायल हुए हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी उनका ध्यान शांति व्यवस्था कायम करने पर है।