बेगूसराय/विनोद कर्ण। जदयू अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति की बैठक शुक्रवार को जनता दल यूनाइटेड कार्यालय (कर्पूरी सभागार) बेगूसराय में आयोजित की गई। बैठक में पूर्व परिवहन मंत्री सह अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार निराला ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष रुदल राय ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए निराला ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के विकास के लिए दिन-रात कार्य करते रहते हैं। वे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए बिहार में विकास का कार्य करते रहते हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं तथा इसके लिए कई छात्रवृत्ति योजनाएं भी संचालित है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावास में रहने वाले छात्र- छात्राओं को प्रतिमाह 15 किलो मुफ्त अनाज एवं दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ₹1000 अनुदान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक उत्थान हेतु उद्यमी योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के युवक एवं युवतियों को उद्योग लगाने के लिए 10 लाख रुपये तक की राशि दी जाती है इसमें 50% अनुदान के रूप में है।
इसी तरह सतत विकास उपार्जन योजना के तहत नीरा उत्पादन एवं बिक्री में प्रारंभिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवार को वैकल्पिक व्यवसाय के लिए 60 हजारसे लेकर ₹100000 तक का वित्तीय सहयोग दिया जाता है। जमीन ना होने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति परिवार को बासस्थल क्रय सहायता योजना के तहत बास भूमि क्रय करने हेतु 60 हजार रुपया की सहायता राशि प्रदान की जाती है। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के के लिए 9572 विकास मित्रों की तैनाती की गई है।
उन्होंने कहा कि हरेक झोपड़ी के आगे से पक्की सड़कें, नाला, हर घर में बिजली तमाम विकास कार्य नीतीश कुमार ने किया इसलिए मित्रों हर जिला में संगठन जरूरी है। जिलास्तर एवं प्रखंड स्तर एवं पंचायत स्तर पर संगठन होना चाहिए।
जिलाध्यक्ष रुदल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2005 में बिहार में सरकार बनाने के साथ ही विधि व्यवस्था में सुधार के कारण समाज में शांति, सुरक्षा और अमन-चैन का माहौल बना। उसका सबसे ज्यादा लाभ अनुसूचित वर्गों को मिला है क्योंकि यही वर्ग सामाजिक उत्पीड़न और आर्थिक शोषण का सबसे ज्यादा शिकार रहा है।
परंतु बिहार की सत्ता में होने के बाद नीतीश कुमार का ध्यान अन्य वर्गों के साथ ही अनुसूचित वर्ग की समस्याओं की ओर गया उन्होंने अनुभव किया कि संविधान में अनुसूचित वर्ग के लिए जो व्यवस्था की गई है उसका सही ढंग से अनुपालन नहीं हुआ है इसके चलते समाज की एक बहुत बड़ी आबादी मुख्यधारा से कटकर जहालत और गरीबी की जिंदगी बिता रही है।
उन्होंने आजादी के बाद उसे वोट बैंक के रूप में तो इस्तेमाल किया गया किंतु उसकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई ईमानदार कोशिश नहीं हुई हमलोगों को इस बात का गर्व है कि हमारे नेता नीतीश कुमार ने बाबासाहेब के सपनों को बिहार में अमलीजामा पहनाया है। उन्होंने इन वर्गों के सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए अनेक कार्य किए और कर रहे हैं।
यह ध्यान देने की बात है कि अनुसूचित जाति ,जनजाति कल्याण का जो बजट 2005 में महज 40.08 करोड़ रुपये था, उसे 2022 में बढ़ाकर 1729.60 करोड़ रुपये किया गया है सामाजिक जागरूकता हेतु सात निश्चय के तहत घर घर नल जल एवं घर तक पक्की गली नालियां के क्रियान्वयन हेतु वार्ड के चयन में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिक आबादी वाले वादों को प्राथमिकता दी जाती है।
राज्य के सभी 38 जिलों एवं दो पुलिस जिलों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए विशेष थानों की स्थापना की गई है स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी महादलित समुदाय के टोलों एवं गांवों में झंडोत्तोलन एवं विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है यह व्यवस्था बस 2011 से लागू की गई है। राज्य मुख्यालय स्तर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में महादलित टोले के बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा झंडोत्तोलन किया जाता है।
इस कार्यक्रम में अनुसूचित वर्ग को सामाजिक सम्मान के साथ एक विशेष पहचान मिली है राजनैतिक चेतना हेतु स्थानीय निकाय में एकल पद सहित अनेकों पदों पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इससे आज अनुसूचित वर्ग से अनेक मेयर, जिला परिषद अध्यक्ष, प्रमुख, मुखिया सहित अधिक अधिक संख्या में जीत कर आते हैं। शैक्षणिक उत्थान हेतु अनुसूचित जाति अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र-छात्राओं को यूपीएससी एवं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर आगे की तैयारी के लिए क्रमश एक लाख रुपये एवं 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
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बैठक में नगर अध्यक्ष जवाहर लाल भारद्वाज, जदयू जिला प्रवक्ता वीरेंद्र कुमार पटेल, दीपक रजक, हिम राज राम, आनंद रजक, जॉर्ज मांझी, विद्याभूषण प्रभाकर, संतोष बसफोर, उमेश सदा, डॉक्टर एहतेशामउल हक अंसारी, मुकेश जैन, पिंटू सिन्हा, बिरजू चंद्रवंशी, अजय पासवान, रीता सिंह, रुनझुन वर्मा, अनिता कुमारी, विनीत पासवान, अरुण पासवान, प्रमोद मोची, भुनेश्वर तांती, इरफान खान, सौरभ राम, चंद शेखर दास, शंभू मलिक, शिव शंकर पासवान, बंगाली पासवान, अरुण तांती, उपेंद्र शर्मा, मदन पंडित, नाथो रजक, राजेंद्र सदा, उपेंदर सादा, अरविंद पासवान, राकेश कुमार राम, नवीन राम सहित सैकड़ों जदयू कार्यकर्ता मौजूद थे।