कानपुर/ बीपी प्रतिनिधि। पीएफ इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस मामले में कई अफसर और कर्मचारी शामिल हैं। सीबीआई ने फिर से क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय सर्वोदय नगर पहुंचकर असिस्टेंट कमिश्नर अक्षय भार्गव, पीएफ इंस्पेक्टर तक घूस की रकम पहुंचाने वाले कंसल्टेंट और शिकायत करने वाले स्कूल संचालक जयपाल सिंह के बयान लिए हैं।
बताया जा रहा है कि सीबीआई ने गत 25 अप्रैल को रोहित श्रीवास्तव से पूछताछ के बाद क्लीन चिट दे दी थी। शुक्रवार को वह छुट्टी पर था। सूत्रों का अनुसार रिश्वत के रुपयों को बराबर से सभी में बाँटा जाता है। इस मामले में सीबीआई को कुछ सुराग हाथ लगे हैं। पीएफ इंस्पेक्टर की कई संपत्तियों की जानकारी भी सीबीआई को मिली है। स्कूल संचालक पर सेवन-ए की कार्रवाई करते हुए 50 लाख का आयकर निर्धारण किया गया था और इस मामले को निपटाने के लिए ही तीन लाख रुपये रिश्वत मांगी गई थी। पीएफ इंस्पेक्टर सिर्फ भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट है। सेवन -ए का नोटिस असिस्टेंट कमिश्नर जांच-पड़ताल के बाद जारी करता है। अब सेक्शन सुपरवाइजर रोहित श्रीवास्तव की भी भूमिका संदिग्ध है।
सूत्रों के अनुसार 25 अप्रैल को सीबीआई लखनऊ की टीम ने सर्वोदय नगर स्थित क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में छापा मारा था। इसमें तीन लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पीएफ इंस्पेक्टर प्रवर्तन अधिकारी अमित श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया था। पीएफ इंस्पेक्टर पर चौबेपुर के स्कूल संचालक जयपाल से घूस लेने का आरोप है। संचालक ने मामले की शिकायत सीबीआई से की थी। बता दे पीएफ प्रवर्तन कार्यालय से जुड़े कई अफसर हर साल लग्जरी गाड़ियां बदल रहे हैं। शहर के पॉश इलाकों में फ्लैट खरीदे हैं। महंगे मोबाइल फोन का शौक है। वही एक अफसर हर साल गाड़ी बदलते है।