कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। निर्यात बढ़ाने के लिए कानपुर समेत सूबे के छह जिलों को 50-50 करोड़ रुपये केंद्र सरकार की ओर से मिलने हैं। यह पैसे कैसे और किस ढंग से खर्च हो, इसी मुद्दे पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला निर्यात कमेटी की बैठक हुई।
इस मौके पर डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने प्रदेश के छह जिले चुने हैं, जिनमें कानपुर भी शामिल है। हर जिले को 50-50 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इस दौरान उन्होंने अफसरों से निर्यात से जुड़ी योजनाओं का लिंक तैयार करके जिला एनआईसी यानि नेशनल इन्फर्मेशन सेंटर के पोर्टल पर अपलोड करने को कहा। जिससे निर्यातकों और उद्यमियों को जानकारी मिल सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि कानपुर में निर्यात के क्षेत्र में चमड़ा, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग और प्लास्टिक में सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं। इनका निर्यात बढ़ाने के लिए चार-चार सदस्यीय कोर कमेटी गठित करने को कहा गया है। इंजीनियरिंग में रक्षा क्षेत्र को शामिल करने, इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में उद्यमियों की पहुंच बढ़ाने का सुझाव दिया। बैठक में संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार अमित गुप्ता, आलोक अग्रवाल, बलराम नरूला, दिनेश बरासिया, आलोक श्रीवास्तव, सुधीर श्रीवास्तव, उमंग अग्रवाल, एसपी यादव, शिव कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।
आईआईए के राष्ट्रीय कोषागार मंत्री आलोक अग्रवान ने कहा कि शहर से उत्पादों के निर्यात की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। यहां पर अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर सेंटर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर खुलना चाहिए। केंद्र जिले को 50 करोड़ देगा। इस पैसे को इन्फ्रास्ट्रकचर बढ़ाने रक खर्च करना चाहिए। फियो के संयोजक आलोक श्रीवास्तव ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि चमड़ा और उससे बने उत्पादों का सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किया जा रहा है। हालांकि फुटवियर सेक्शन में और बढ़त बनाने की जरूरत है। केंद्र की मदद से शहर एक्सपोर्ट का हब बन सकेगा।
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