नई दिल्ली/सेंट्रल डेस्क। वाराणसी का ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। वाराणसी कोर्ट के खिलाफ शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि वे मामले को देखेंगे।
गौरतलब है कि इसके पहले गुरुवार को ही सेशन कोर्ट ने अजय मिश्रा के साथ सहायक कमिश्नर के रुप में विशाल सिंह और अजय सिंह को नियुक्त किया हैं। अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे। वहीं फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए एक वकील ने जानकारी दी की अदालत ने 17 मई तक सर्वे का काम पूरा करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर 17 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपे। मिली जानकारी के अनुसार अदालत ने सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सर्वे के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा है कि 17 मई तक राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सर्वे पूरा कराया जाए। अदालत ने कहा है कि सर्वे की कार्रवाई के दौरान अगर दोनों में से कोई एक कोर्ट कमिश्रर एबसेंट भी रहेगा तब भी कार्रवाई होगी।
अदालत ने सर्वे के काम में बाधा पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कहा गया है कि अगर गेट की चाभी नहीं भी मिलती है तो ताले को तोड़ा जा सकता है। इसके साथ ही सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी के भी निर्देश दिए गए हैं ।
इससे पहले बुधवार यानि 11 मई वाराणसी की सिविल कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई थी। जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए, गुरुवार की दोपहर 12 बजे के बाद फैसला सुनाने की बात कही थी।
यह भी पढ़ें…