प्रयागराज, स्टेट डेस्क। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने ताजमहल के बंद कमरों का सर्वे कराने की जनहित याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि याचिका उन मुद्दों को उठाती है जो न्यायोचित नहीं हैं। हम याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं, इसे खारिज किया जाता है।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने याचिका पर पहले सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट ने याचिका में किए गए अनुरोध पर कहा कि हमारी राय है कि याचिकाकर्ता ने एक पूरी तरह से गैर न्यायसंगत मुद्दे पर फैसला सुनाने का आग्रह किया है। अदालत ने कहा कि याची के अनुरोध पर इस न्यायालय द्वारा निर्णय नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने एक अध्ययन शुरू करने की मांग की थी ताकि ताजमहल के इतिहास का पता लगाया जा सके।
अदालत ने कहा कि जहां तक याचिकाकर्ता द्वारा ताजमहल में मौजूद बंद कमरों को खोलने और ऐतिहासिक अध्ययन को सुविधाजनक बनाने के लिए कुछ संरचनाओं को हटाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, हम इस मौके पर संकेत कर सकते हैं कि किसी भी ऐतिहासिक शोध द्वारा किए गए शिक्षाविद् अनिवार्य रूप से एक विशेष पद्धति को शामिल करेंगे। किसी भी विषय में या किसी भी विषय पर शोध करने के लिए एक विशेष पद्धति का चयन करना शिक्षाविदो्ं और शोधकर्ताओं पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने हमें एक निर्णय देने के लिए कहा है कि ताजमहल के कुछ ऐतिहासिक तथ्यों का पता लगाने से संबंधित शोध की कौन सी विशेष पद्धति अधिक उपयुक्त होगी। इस अदालत के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए ऐसे प्रश्नों या मुद्दों पर विचार करने की अनुमति नहीं है। कोर्ट ने कहा हम यह भी दर्ज कर सकते हैं कि किसी कानूनी/सांविधिक/संवैधानिक अधिकार के उल्लंघन के मामले में ही अदालतों द्वारा किसी भी हस्तक्षेप की अनुमति है।
याचिका में दावा किया था कि माना जाता है कि ताजमहल के बंद दरवाजों के पीछे भगवान शिव का मंदिर है। याची ने ताजमहल के संबंध में एक तथ्यों का पता लगाने वाली समिति बनाकर अध्ययन करने और ताजमहल के बंद करीब 22 दरवाजों को खोलने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया था। उधर, केंद्र सरकार व राज्य सरकार की तरफ से याचिका का विरोध किया गया। याचिका दायर करने वाले भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह ने कहा कि हम सर्वे के मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे।