पटना/स्टेट डेस्क। ज्ञानवापी का मामला अभी न्यायालय के अधीन है इसके बावजूद ये मामला पूरे देश के साथ बिहार में भी तूल पकड़ता जा रहा है। बिहार में जातीय जनगणना और विशेष राज्य के मुद्दे को लेकर जदयू और भाजपा का अलग-अलग स्टैंड है।
यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में बिहार में ज्ञानवापी मुद्दे के बहाने भी जदयू और भाजपा की दूरियां फिर न बढ़ जाएं। इस मामले को लेकर बिहार सरकार में जदयू कोटे से मंत्री जमा खान ने कहा कि हम लोग सेकुलर हैं। सभी धर्म को मानने वाले हैं। हमारी पार्टी भी सभी को लेकर चलती है लेकिन जिस तरह देश में मंदिर मस्जिद का मामला चल रहा है, उससे तो देश में शांति, सौहार्द बिगड़ेगा और भाईचारा खत्म होगा।
लोगों से अपील है कि इन बातों को दरकिनार कर शांति, सौहार्द और भाईचारा की बातें करें। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे शांति और सौहार्द बिगड़े। लोगों से अपील है कि वे विकास की बातें करें। वहीं इस मामले पर बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा कि अगर हमारी भूली बिसरी संस्कृति सामने आती है तो लोगों का काम है हमारी संस्कृति को शिखर पर ले जाएं। सौहार्द बिगड़ने के सवाल पर रेणु देवी ने कहा कि जो सत्य है वो सत्य है।
बिहार के कानून मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि यह उच्य न्यायलय का मामला है, इस पर कुछ कहना सही नहीं है। कोर्ट ने जिस तरह अयोध्या पर फैसला दिया, उसी तरह अब इस पर फैसला देगी। उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है, जाति के आधार पर नहीं चलता है। जिस संविधान पर देश चल रहा है, उससे खतरा कहने वाले तथाकथित लोगों को अब जनता नोटिस नहीं लेती है।
यह भी पढ़ें…