कानपुर, बीपी प्रतिनिधि। रविवार को आल इंडिया ईपीएस-95 संघर्ष समिति कि एक आम सभा रावतपुर रोडवेज बस स्टैंड कानपुर में राष्ट्रीय सचिव ओम शंकर तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। सभा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के राष्ट्रीय सलाहकार राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि आज देश के 67 लाख वयोवृद्ध पेंशनर विगत 5 वर्षों से सामाजिक सुरक्षा एवं सम्मान पूर्वक जीने के लिए अपने हक और जायज अधिकार को प्राप्त करने के लिए तहसील स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न प्रकार के शांतपूर्ण आंदोलन कर रहे है यहां तक की मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के माध्यम से केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो बार मिलकर पेंशन के संबंध में विस्तार से चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल ने न्यूनतम पेंशन 7500 एवं महंगाई भत्ता के साथ चिकित्सा सुविधा का लाभ दिलाने की मांग की। आदरणीय प्रधानमंत्री द्वारा मांग को जायज मानते हुए प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि आपकी मांगो पर शीघ्र विचार कर निर्णय लिया जाएगा। परंतु 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी हमें निराशा ही हाथ लगी। अब हम लोगों का धैर्य टूट चुका है करो या मरो के तहत हमें आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं।
सभा की अध्यक्षता कर रहे समिति के राष्ट्रीय सचिव ओम शंकर तिवारी ने अपने उद्बोधन में गत दिवस 17 एवं 18 अप्रैल को शिरडी महाराष्ट्र में सीडब्ल्यूसी की बैठक एवं अधिवेशन में सम्मिलित हुए। वहां पर हुई चर्चा एवं सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के संबंध में विस्तार से सभी को अवगत कराते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राव एवं राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत द्वारा केंद्रीय सरकार को कठोर चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 1 महीने के अंदर हमारी मांगेपूर्ण नहीं की गई तो हम पूरे देश के लाखों की संख्या में निराश्रित असहाय वयोवृद्ध पेंशनर दिल्ली के जंतर मंतर मे अनिष्चित कालीन धरना देने के लिए बाध्य होंगे।
जिसकी समस्त जिमेदारी सम्बंधित अधिकारियों की होगी। सभा को सुंदरलाल पांडे, जयरूप सिंह परिहार, हरिशंकर शुक्ला, सुधीर मिश्रा, राम प्रकाश गुप्ता, कृपाशंकर शुक्ला, डीएन शुक्ला, अब्दुल रऊफ, केपी वर्मा, एसपी बाजपेई, ओएन बाजपेई, पवन कुमार, शकूर अहमद, धर्मपाल, पीसी मिश्रा, जितेंद्र पाल, केके मिश्रा, हर प्रसाद शुक्ला, रमेश यादव उर्फ मामा जागेश्वर प्रसाद, रमाकांत सचान, ओपीशुक्ला, मोहम्मद इस्माइल आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे। सभा का संचालन जयरूप सिंह परिहार ने किया।