मोतिहारी/दिनेश कुमार। जिला रेडक्रास सोसाईटी के शासी निकाय चुनाव में अब रक्तदाताओं का एक बड़ा समूह चुनावी मैदान में उतरने के लिए ताल ठोकने लगा है। जिससे पैनलों के निर्माण में जुटे धुरंधर अब नई रणनीति तैयार करने की जुबानी जंग छेड़ रहे हैं। वहीं उसमें सभापति की दावेदारी करने वालों की भी होड़ मची है। बता दें कि मोतिहारी रेडक्रास सोसायटी का चुनाव करीब बारह वर्षों के बाद इस साल कराया जा रहा है।पुरानी कमेटी भंग करने के उपरांत आम सभा पिछले अप्रैल माह में हुआ और जिलाधिकारी ने चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी।
जिसके तहत आगामी 12 जून 2022 को रेडक्रास सोसायटी मोतिहारी का शासी निकाय चुनाव होना तय है। साथ ही मतदाता सूची प्रकाशन, दावा आपत्ति, नामांकन तिथियां और नामांकन वापस लेने और स्कूटनी की तिथि भी आमसभा में तय कर दी गई। उधर, आमसभा के उपरांत आम सभा कार्यक्रम पर जो खर्च का व्यौरे जो प्रस्तुत हुए वह भी विवादों और हास्यास्पद माहौल का हिस्सा बन चुका है।
साथ ही पुरानी कमेटी के कार्यकाल में आय व्यय में गड़बड़ी तो कभी हेराफेरी भी सुर्खियों में बनी रही। वहीं मारवाड़ी युवा मंच भी ब्लड डोनेशन और आवंटन में अपनी दखलअंदाजी कर बात उपर तक पहुंचा दिया। साथ ही शहर के प्रबुद्ध लोगों की भी ब्लड डोनेशन और अधिक राशि में ब्लड की बिक्री एवं रक्त कोष में आई कमियों का मामला सुर्खियां बटोरता रहा। बात जब सर से ऊपर उठने लगी तो, जिलाधिकारी ने हस्तक्षेप कर कार्यकारिणी कमेटी को भंग करते हुए नये संचालन समिति का गठन कर दिया।
जिसमें प्रशासनिक पदाधिकारियों के आगे पीछे दौड़ने वाले की चांदी कटने लगी। तो कई व्यवसायिक संस्थानों और चिकित्सा केन्द्र संचालकों के लिए रेडक्रास मानव सेवा के बजाय चारागाह बनता नजर आने लगा।ऐसे मे संचालन समिति में शामिल हो कर रेडक्रास के साथ अपने व्यवसाय और नाम को चमकाने में लग गए। जब जिलाधिकारी को इस तरह की बात का भान हुआ तो उन्होंने शीघ्र चुनाव कराकर युवा और नये सदस्यों को रेडक्रास सोसायटी संचालन समिति बनाने के उद्देश्य से चुनाव तिथि की घोषणा आम सभा के माध्यम से कर दी।
ताकि किसी की चाल कामयाब न हो और किसी की दाल नहीं गले। फिलवक्त रेडक्रास सोसायटी मोतिहारी के चुनाव में समाज सेवकों लंबी सूची देखने को मिल रही है। ऐसे मे अलग- अलग अपने खेमे ( ग्रुपों) में दूधपतियों – धनकुबेरों को शामिल कर अपने अपने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव जैसे प्रमुख पदों को हथियाने की जुगत में लगे हुए हैं। वहीं इस बात की खबर जैसे ही वायरल हुई है तो रक्तदाताओं का एक बड़ा समूह जो निरंतरता में रेडक्रास सोसायटी में रक्त कोष बढ़ाते रहे हैं वे अब मुखर हो चुनावी जंग लड़ने के लिए ताल ठोकने लगे हैं।
इसी क्रम में रक्तदाता समूह के पत्रकार राजन दत्त द्विवेदी एवं माला ठाकुर सामाजिक कार्यकर्ता सह कार्यपालक संघ के जिलाध्यक्ष नासिर खान, पत्रकार आनंद प्रकाश, संजीव रंजन ठाकुर उर्फ भोला ठाकुर सहित कई लोग शहर के गणमान्य अपने नये तौर तरीके से लोगों को अचंभित करने वाले पैनल लिस्ट की तैयार लगभग कर ली है। इस संदर्भ में वरीय पत्रकार राजन द्विवेदी ने चुनावी माहौल पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि बड़े दुख की बात है कि जनसेवा संस्थान को कुछ पुस्तैनी हवेली मान कर निरंतर कब्जा जमाए रखने की मंशा पालें हैं।
कुछ तो आय-वय्य में गड़बड़ी में मिली बदनामियों को सुर्खियां समझ फिर हाथ पांव मार रहे हैं। अगर कोई दायित्व मिलने पर इस जनसेवी संस्था को इमानदारी पूर्वक कार्य करें तो जनसेवा हाथ लगेगी वरना आडिट टीम की जांच रेडक्रास के नाम को बदनाम करने के लिए काफी है। रेडक्रास सदस्य माला ठाकुर ने कहा कि चुनाव में मतदान कर नये लोगों को दायित्वों के निर्वहन का मौका देने की जरूरत है। जबकि समाजसेवी रक्तदानवीर सह कार्यपालक सहायक संघ के जिलाध्यक्ष नासिर खान ने कहा कि सही समाजसेवी तो वे पत्रकार हैं जो हर स्थिति में निशुल्क सेवा भाव से जुटे रहते हैं। वैसे कुछ चंद पत्रकार को रेडक्रास सोसायटी के दायित्व की जिम्मेदारी सौंपी जाए।