पश्चिम चम्पारण जिले की सुविख्यात मरचा (मर्चा) चिउड़ा को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास कर रहा है जिला प्रशासन

Local news बिहार बेतिया

बेतिया/अवधेश कुमार शर्मा। पश्चिमी चम्पारण जिला के मरचा चिउड़ा (मर्चा चूड़ा) को वैश्विक पहचान दिलाने को जीआई टैग के लिए जिला प्रशासन विगत वर्ष से प्रयासरत है। पश्चिम चम्पारण के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के निर्देश के आलोक में पदाधिकारियों की पूरी टीम मरचा चिउड़ा को जीआई टैग दिलाने को कार्यरत है। प्रयास अब अंतिम चरण में है, जिला के मरचा चिउड़ा को जीआई टैग मिलने की प्रबल संभावना है।

इस दौरान जिला पदाधिकारी ने कार्य प्रगति की समीक्षा की जाती रही है। ज्ञातव्य हो कि जीआई टैग को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विद्यालय, पूसा के वैज्ञानिकों ने मरचा धान का डीएनए फिंगर प्रिंटिंग का कार्य पूर्ण कर प्रेषित कर दिया है। मरचा धान/चिउड़ा का निबंधन (जीआई टैग) उपरांत मरचा धान/चिउड़ा की मांग देश-विदेशों में होगी, जिसे जिला के किसान पूरी करेंगे। इससे किसानों की आय बढ़ेगी व रोजगार में वृद्धि होगी।

जीआई स्पेस्फिक एरिया और नन जीआई एरिया में मरचा धान का उत्पादन किया जा रहा है। मरचा धान के प्लांट को केवीके, माधोपुर में भी लगाकर उस पर स्टडी किया गया है। पश्चिम चम्पारण जिला के विकास में मरचा चिउड़ा को जीआई टैग मिलना अत्यंत ही उत्कृष्ट साबित होगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन भी होगा। इसी परिप्रेक्ष्य में जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक संपन्न हुई। समीक्षा के क्रम में वरीय उप समाहर्ता ने बताया कि जीआई रजिस्ट्री, चेन्नई के कुछ दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने को निदेशित किया गया है। दिशा-निर्देशों के अनुरूप एक्सपेरिमेन्टल डेटा/रिपोर्ट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, शीघ्र ही जीआई रजिस्ट्री, चेन्नई को उपलब्ध करा दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि मरचा धान के डीएनए का अन्य दूसरे सुगंधित धानों के डीएनए से कंपेयर भी कर लिया गया है जिसमें मरचा धान में यूनिकनेस का पता चला है। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में विगत दिनों डॉ एन के सिंह, वैज्ञानिक, आरपीसीएयू के साथ जिला पदाधिकारी की समीक्षा बैठक हुई है। उनके मार्गदर्शन में एक्सपेरिमेन्टल डेटा एवं रिपोर्ट को तैयार कर लिया गया है।

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जिला पदाधिकारी ने मरचा चिउड़ा को जीआई टैग मिलना एक जटिल प्रक्रिया है। इस कार्य में संलग्न सभी पदाधिकारियों का कार्य प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि मरचा चूड़ा को जीआई टैग मिलना पश्चिम चम्पारण जिला के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। पूरी दुनिया यह जान सकेगी कि मरचा चिउड़ा/धान का उत्पादन सिर्फ और सिर्फ पश्चिम चम्पारण जिला में होता है। इस अवसर पर वरीय उप समाहर्ता राजकुमार सिन्हा सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।